नई दिल्ली– किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बड़ा खुलासा किया। दिल्ली पुलिस के जॉइंट कमिश्नर प्रेमनाथ ने बताया कि निकिता, दिशा और शांतनु ने बनाया था टूलकिट। इसका उद्देश्य भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना था। उन्होंने बताया कि पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन खालिस्तानी संगठन है। जूम के जरिए निकिता, जैकब, दिशा रवि और शांतनु संगठन के संपर्क में आए थे। उन्होंने बताया कि टूलकिट 4 फरवरी को बनाया गया था। दिशा ने Whatsapp ग्रुप बनाकर इसे शेयर किया था।
उन्होंने बताया कि टूलकिट में गलत जानकारियां दी गई थीं। ट्वीट के जरिए अफवाह फैलाने के साथ ही धरोहरों को नुकसान पहुंचाने की भी साजिश की गई थी। गणतंत्र दिवस के मौके पर डिजिटल स्ट्राइक की साजिश रची गई थी। प्रेमनाथ ने बताया कि ओपन सोर्स पर टूलकिट के बहुत से स्क्रीन शॉट उपलब्ध थे, जिनकी गहन जांच की गई। जब इस संबंध में तथ्य सामने आए तो 9 फरवरी को निकिता के खिलाफ अदालत ने सर्च वारंट जारी किया था, जो कि टूलकिट के एडिटरों में से एक हैं।
उन्होंने बताया कि चार दिन पहले स्पेशन सेल की टीम निकिता के घर गई थी और उसके इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच की गई थी। हालांकि जब अगली बार टीम पूछताछ के लिए गई तो वह उपलब्ध नहीं थी। इस बीच, निकिता के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।