यंगून. म्यांमार में तख्ता पलट के बाद चल रहे जबर्दस्त प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले लिया है. म्यांमार मानवाधिकार कार्यालय का कहना है कि उसे विश्वसनीय जानकारी मिली है कि म्यांमार में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रविवार को की गई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हो गए.
म्यांमार के कई शहरों का जिक्र करते हुए एक बयान में कहा गया, यंगून, डावी, मांडले, म्येइक, बागो और पोकोक्कु में भीड़ के बीच गोला बारूद फेंका गया जिसकी वजह से मौतें हुईं. बयान में कहा गया, विभिन्न जगहों पर आंसू गैस का उपयोग किया गया इसके साथ ही साथ- फ्लैश-बैंग और स्टन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया.
यू एन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, हम म्यांमार में विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा करते हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल को तुरंत रोकने के लिए कहते हैं. यह प्रदर्शनकारियों की एक दिन में सबसे ज्यादा मौतें होंगी जो मांग कर रहे हैं कि आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार को फिर से बहाल किया जाय. बता दें 1 फरवरी को सेना ने तख्ता पलट करते हुए सत्ता अपने हाथ में ले ली थी.
सेना ने वित्त, स्वास्थ्य, गृह और विदेश समेत सभी अहम मंत्रालयों में मंत्रियों को हटाकर अपने लोग नियुक्त कर दिए हैं. साथ ही फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसी सोशल साइट्स को भी बंद कर दिया गया है.
वहीं न्यूयार्क के संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच के लिए एशिया के उपनिदेशक फिल रॉबर्टसन ने कहा, म्यामां के सुरक्षा बलों ने देशभर के कई कस्बों और शहरों में घातक बल का स्पष्ट रूप से इस्तेमाल किया है जो अस्वीकार्य है और इसे तुरंत रोका जाना चाहिए. उन्होंने कहा, दुनिया म्यामां सैन्य जुंटा के कृत्यों को देख रही है, और उन्हें जवाबदेह ठहराएगी.