ढाका. बांग्लादेश करीब एक लाख रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को बंगाल की खाड़ी में स्थित एक निर्जन टापू पर बसाने की तैयारी कर रहा है. हालांकि देश के कई शीर्ष अधिकारियों ने ऐसी आशंका जताई है कि इस द्वीप पर ये लोग फंस सकते हैं, क्योंकि इस पर बाढ़ का खतरा रहता है.
ज्ञात हो कि बौद्ध बहुल म्यांमार के रखाइन प्रांत में पिछले साल अगस्त में हिसा भड़कने के बाद से करीब सात लाख रोहिंग्या मुस्लिमों ने बांग्लादेश में पलायन किया था. ये लोग म्यांमार की सीमा के करीब बांग्लादेश के कॉक्स बाजार जिले के शिविरों में ठहरे हैं. इन शिविरों में पहले से ही करीब तीन लाख शरणार्थी रह रहे हैं. नए शरणाथियों के आने से जगह की किल्लत हो गई है.
हाल ही में बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा था कि कॉक्स बाजार के शरणार्थी शिविरों से भीड़ कम करने की खातिर रोहिंग्या के लिए एक द्वीप पर अस्थायी व्यवस्था की जाएगी. बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, द्वीप पर शरणार्थियों के रहने के लिए चल रही तैयारियों में ब्रिटिश और चीनी इंजीनियर मदद कर रहे हैं. शरणार्थियों के लिए मानसून से पहले शिविर तैयार कर लिए जाएंगे. इस क्षेत्र में अप्रैल से बारिश शुरू हो जाती है और बाढ़ का खतरा रहता है.
प्रधानमंत्री हसीना के सलाहकार एचटी इमाम ने कहा कि म्यांमार लौटने के इच्छुक या किसी अन्य देश में शरण पाने वाले शरणार्थियों को वहां जाने की अनुमति होगी. लेकिन हम इन्हें बांग्लादेशी पासपोर्ट या आइडी कार्ड नहीं देंगे. द्वीप पर पुलिस का एक थाना भी बनाया जाएगा, जिसमें 40 से 50 सशस्त्र जवान तैनात रहेंगे.