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एक बार फिर वो ही मार्च का महीना … और कोरोना ने फिर लोगों का सुकून छीना

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सुनीता गुप्ता, लखनऊ। देश में जिस तरह से हर रोज कोरोना के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है और कुछ राज्यों में जिस तरह से हालात बिगड़ते नजर आ रहे हैं उसको देखते इस बात से कतई इंकार नही किया जा सकता है कि अगर आगामी होली के त्योहार के दौरान गहन सर्तकता नही बरती गई तो हालातों को और भी गंभीर होना न सिर्फ तय है बल्कि कही ऐसा न हो कि फिर से एक बार लॉकडाउन हम सभी को दो चार होना पड़ जाये। इसलिए बेहतर ये ही माना जा रहा है कि लोग लापरवाह होने के बजाय पहले जैसी ही सावधानी बरतें ताकि हालात बेकाबू न होने पायें।  

दरअसल होली के त्योहार पर भारी संख्या में लोगों का अपने आपने मूल शहरों में वापस आना होगा उस दौरान तमाम लोग महाराष्ट्र गुजरात और पंजाब समेत दिल्ली तथा कई अन्य राज्यों से आयेंगे। जिनकी अगर वक्त रहते टेस्टिंग और बखूबी स्क्रीनिंग नही की गई तो फिर अभी तक काफी हद तक कोरोना के मामलें से बचे हुए राज्य और शहरों को बचा पान मुश्किल ही नही नामुमकिन हो जायेगा।  

गौरतलब है कि जिस तरह से देश में कोरोना वायरस ने एक बार फिर से रफ्तार पकड़ ली है। मंगलवार को देशभर में 24000 से अधिक नए केस सामने आए हैं। इसी के साथ देशभर में कोरोना के एक्टिव केसों की कुल संख्या 223432 पहुंच गई है। इन एक्टिव केसों के मामले में पहले नंबर पर महाराष्ट्र हैं, वो भी खासकर तीन जिलों से। वो तीन जिले पुणे, नागपुर और मुंबई, जहां पर प्रत्येक जिलों में फिलहाल 12000 से अधिक एक्टिव केस हैं। यहीं वजह है कि देश में सक्रिया मामलों में वृद्धि देखने को मिली है।

अगर मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों पर गौर करें तो उसके मुताबिक देश में 77 फीसदी एक्टिव केस महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा से आए हैं। कर्नाटक में भी कोरोना के नए केसों में वृद्धि देखने को मिली है। कर्नाटक का एक्टिव केसों में योगदान 3.97 फीसदी है जबकि तमिलनाडु का 2.30 फीसदी। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जिलेवार एक्टिव केस के आंकड़े जारी किए हैं। 

जिसके अनुसार महाराष्ट्र के जिलों की बात करें तो 26,468 एक्टिव केसों के साथ पुणे पहले नंबर पर है। इसके बाद 18,114 एक्टिव केस के साथ नागुपर दूसरे और 13309 केस के मुंबई तीसरे नंबर पर है। ठाणे में 12680 और नासिक में 8035 एक्टिव केस हैं। इस तरह से देखें थे देश में कोरोना एक्टिव केसों में 59 फीसदी तो महाराष्ट्र से हैं। महाराष्ट्र के दो जिलों पुणे और मुंबई में कोरोना केस में तेजी से वृद्धि हुई है। अभी की तुलना में 11 मार्च को पुणे में 18474, मुंबई में 9973 और नागपुर में 12724 एक्टिव केस थे। 

इसके साथ ही बताया जा रहा है कि भारत के सक्रिय मामलों में केरल का योगदान 12.24 प्रतिशत है। केरल में सबसे ज्यादा एक्टिवक केस पांच जिलों से हैं। इनमें एर्नाकुलम (3282), पठानमथिट्टा (2564), कन्नूर (2483), त्रिशूर (2299) और कोझीकोड (2205) एक्टिव केस हैं। पिछले कुछ दिनों में पंजाब में भी कोरोना के नए मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछले कुछ दिनों से राज्य में 1000 से अधिक नए मामले सामने आ रहे हैं। देश के कुल एक्टिव केसों में पंजाब का योगदान 5.34 फीसदी है। 

जबकि इसके अलावा एक्टिव केस की बात करें तो पिछले कुछ दिनों में, पंजाब कोविद -19 संक्रमणों के केंद्र के रूप में उभरा है, राज्य में प्रतिदिन 1,000 से अधिक संक्रमण की सूचना है। जबकि भारत के सक्रिय मामले में राज्य का योगदान 5.34 प्रतिशत है, सबसे खराब जिले जालंधर (1,585), एसएएस नगर (1,338), होशियारपुर (1,301), पटियाला (1,201) और एसबीएस नगर (1,173) हैं।

वहीं इस मामले में जैसा कि केन्द्र सरकार की विशेषज्ञों की टीम की मानें तो उसका मानना है कि महाराष्ट्र में कोरोना महामारी की एक दूसरी लहर देखने को मिल रही है। राज्य में कोविड -19 की स्थिति का अध्ययन करने के लिए भेजी गई केंद्रीय टीम ने बताया कि यहां सक्रिय रूप से ट्रैक, टेस्टिंग, क्वारंटाइन और संगरोध संपर्कों के लिए सीमित प्रयास किए गए हैं। टीम ने सुझाव दिया है कि हर एक कोरोना पॉजिटिल व्यक्ति के लिए कम से कम 20 से 30 करीबी कॉन्टैक्ट्स (परिवार के सदस्यों, दोस्तों, सहकर्मियों) को ट्रैक करने की जरूरत है।

टीम ने बताया कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग कोविड नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। केंद्रीय टीम ने अनुमान लगाया कि प्रशासन को कोविड  को रोकने के लिए अगस्त-सितंबर 2020 जैसे ही प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। इससे पहले भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक कंसोर्टिया के शोधकर्ताओं ने राज्य से 10% से कम नमूनों में E484K म्यूटेशन पाया है। ये म्यूटेशन शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को चकमा देने में Sars-CoV-2 वायरस की मदद करता है।

ज्ञात हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, 5 राज्‍यों महाराष्‍ट्र, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु में कोविड-19 के नए मामले सबसे ज्यादा बढ़ रहे हैं। सोमवार के डेटा के अनुसार, पिछले 24 घंटों में कुल नए केस में 78.41 प्रतिशत मामले इन्हीं राज्यों के थे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि देश में संक्रमण के बढ़ते मामलों का प्रमुख कारण उचित कोविड व्यवहार में लापरवाही करना है। कोरोना के दोबारा बढ़ते खतरे और वैक्सीनेशन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को एक बार फिर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे।

अगर हालातों पर गंभीरता से गौर करें तो उसके मुताबिक महाराष्ट्र कोरोना की स्थिति चिंताजनक होते हुए भी राज्य में मामलों को ट्रैक करने, टेस्ट करने, लोगों को आइसोलेट व क्वारंटीन करने के बेहद सीमित प्रयास किए गए। ग्रामीण और शहरी इलाकों में कोविड-19 के नियमों के पालन में लापरवाही बरती जा रही है। केंद्रीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कड़ी नाराजगी जताई है। इसमें कहा गया है कि राज्य में फरवरी से ही संक्रमण की रफ्तार बढ़ने लगी थी, लेकिन राज्य सरकार ने जो उपाय किए, वे नाकाफी थे। रात्रि कर्फ्यू और साप्ताहिक लॉकडाउन का भी खास असर नहीं दिखा।

इस बीच, गुजरात और मध्य प्रदेश में मामले बढ़ने के बाद रात्रि कर्फ्यू लगाने की घोषणा की गई है। गुजरात सरकार ने मंगलवार को अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट में रात्रि कर्फ्यू को दो घंटा बढ़ाने का फैसला किया है। अब यहां 31 मार्च तक रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू रहेगा। पहले इसका समय रात 12 से सुबह 6 बजे तक था। वहीं, मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल और इंदौर में बुधवार से नाइट कर्फ्यू लगाने का एलान किया है। इनके अलावा जबलपुर, ग्वालियर, उज्जैन, रतलाम, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, खरगोन, बैतूल में दुकानों को रात 10 बजे बंद करने का आदेश दिया गया है। होली पर कोई सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया जाएगा।

स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की ओर से महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को भेजे पत्र में कहा गया है, कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद निगरानी बेहद जरूरी है। कंटेनमेंट जोन के स्तर पर रणनीति अपनाकर संक्रमण को रोका जा सकता है। प्रत्येक सक्रिय मरीज के संपर्क में आए लोगों की तलाश होनी चाहिए। साथ ही बस डिपो, रेलवे स्टेशन, झुग्गी बस्तियों जैसे भीड़ वाले इलाकों में रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किए जाएं। 

जहां एक तरफ हालातों का गंभीर होना जारी है तो वहीं कोरोना के खिलाफ जंग भी जोर शोर से जारी है जिसकी बानगी है कि सोमवार को ही सोमवार को देश में 30 लाख से ज्यादा लोगों को कोरोना टीका लगाया गया, जो एक दिन में सर्वाधिक है। मंत्रालय के मुताबिक, 15 मार्च को कुल 30,39,394 लोगों को टीका लगाया गया।  इनमें 60 या उससे अधिक आयु के 1977175 बुजुर्गों ने वैक्सीन लगवाई। वहीं 45 से 59 वर्ष के पहले से बीमार 424713 लोगों ने भी पहली डोज ली। इनके अलावा 91228 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने पहली और 153498 ने दूसरी डोज ली। ठीक इसी तरह 133983 फ्रंटलाइन वर्करों ने पहली और 258797 ने दूसरी डोज भी प्राप्त की है। इसी के साथ टीकाकरण के 59वें दिन कुल आंकड़ा 3,29,47,432 तक पहुंच चुका है।

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