वाराणसी. कोरोना संकट के बीच देश के दूसरे राज्यों के तरह उत्तर प्रदेश में भी ऑक्सीजन की किल्लत है। पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी भी इससे अछूता नहीं है। बेकाबू कोरोना से हालात इतने बिगड़ गए हैं कि वाराणसी के लगभग सभी अस्पतालों में 8 से 10 घंटे का ऑक्सीजन ही रिजर्व है। ऐसा हम नहीं वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा खुद कह रहे हैं।
वाराणसी के हॉस्पिटल में कोरोना से आई इस परेशानी को देखते हुए कौशल राज शर्मा ने सभी निजी कोविड अस्पतालों को ये निर्देश दिए हैं कि हॉस्पिटल में जितनी ऑक्सीजन की उपलब्धता है, उसी हिसाब से अस्पतालों में मरीज को एडमिट कर उनका इलाज किया जाए। डीएम ने साफ तौर पर ये निर्देश भी जारी किए हैं कि कोविड हॉस्पिटल में जब तक पुराने मरीज डिस्चार्ज नहीं होते तब तक नए मरीजों को भर्ती न करें।
डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि वाराणसी जिले में हर दिन लगभग 3400 ऑक्सीजन सिलिंडर की सप्लाई है। ऑक्सीजन की किल्लत को देखते हुए पूरी रात हम हॉस्पिटल में ऑक्सीजन सिलिंडरों की रिफलिंग कराकर उसकी आपूर्ति कर रहे हैं। जिन अस्पतालों में कम ऑक्सीजन है, वहां प्राथमिकता के तौर पर इसकी सप्लाई की जा रही है।
वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने निजी अस्पतालों से ये कहा है कि अगले कुछ दिनों में जब ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ जाए तो उसके हिसाब से फिर अस्पताल में बेडों की संख्या बढ़ाई जाए। बताते चलें कि वाराणसी के निजी और सरकारी हॉस्पिटलों को मिलाकर वेंटिलेटर और ऑक्सीजन वाले बेड की संख्या लगभग 650 है।