लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अब कोई भी सरकारी या प्राइवेट अस्पताल कोरोना से संक्रमित मरीजों के इलाज से इंकार नहीं कर सकता है. मरीज को भर्ती करना ही होगा. इलाज का खर्च सरकार उठाएगी. अब अब मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए अब कोई शुल्क नहीं लगेगा. इस आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को अधिकारियों को दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आए लोगों को समुचित इलाज उपलब्ध कराया जाए.
अंतिम संस्कार का नहीं लगेगा शुल्क- कोविड संक्रमण से होने वाली हर एक मृत्यु दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार सभी मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट करती है. प्रत्येक जनपद में (नगरीय एवं ग्रामीण) कोविड संक्रमित किसी मरीज के अंतिम संस्कार के लिए कोई शुल्क न लिया जाए. अंतिम संस्कार की क्रिया मृतक की धार्मिक मान्यताओं के अनुरूप ही कराई जाए. प्रशासन सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित कराए. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से अमल में लाई जाए.
एक करोड़ डोज का ऑर्डर- 1 मई से शुरू होने जा रहे टीकाकरण अभियान के लिए यूपी सरकार ने कोवैक्सीन और कोवीशील्ड के 50-50 लाख डोज का आर्डर कंपनियों को दिया है. कुल 1 करोड़ डोज का आर्डर दिया गया है. इसके अलावा केंद्र सरकार से तरफ से भी वैक्सीन उपलब्ध कराई जाएगी. 18 वर्ष से अधिक आयु के नागरिकों के मुफ्त टीकाकरण का निर्णय लेने वाला पहला राज्य उत्तर प्रदेश है
बढ़े ऑक्सीजन के टैंकर- ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है. परिवहन विभाग इस संबंध में आवश्यक कार्यवाही करे. इसके अलावा, टैंकरों की आपूर्ति के लिए भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त किया जाए. आज उत्तर प्रदेश में अन्य राज्यों की तरह हाहाकार की स्थिति नहीं है. ऑक्सीजन आपूर्ति सामान्य है. भारत सरकार ने प्रदेश का आवंटन बढ़ाया है. इसकी आपूर्ति यथाशीघ्र प्रदेश में कराई जाए. ऑक्सीजन एक्सप्रेस जैसे अभिनव सहयोग से बड़ा लाभ हुआ है. ऑक्सीजन एयरलिफ्ट भी कराई जा रही है. निजी हो या सरकारी, किसी कोविड हॉस्पिटल में ऑक्सीजन का अभाव नहीं है.
सभी अस्पतालों में बने ऑक्सीजन प्लांट- प्रदेश के 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाई जाए. यह शासन की शीर्ष प्राथमिकता का कार्य है.