नई दिल्ली. 16 राज्यों की 58 राज्यसभा सीटों के लिए 23 मार्च को चुनाव होगा. राज्यसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को चुनाव आयोग ने ऐलान किया.चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि अप्रैल-मई 2018 में रिटायर हो रहे सदस्यों की सीटों पर राज्यसभा के चुनाव कराए जाएंगे. बता दें कि कार्यकाल समाप्त होने के कारण 16 राज्यों से राज्यसभा के 58 सीटों पर चुनाव कराए जाएंगे.
इसके अलावा केरल की एक राज्यसभा सीट के लिए उपचुनाव भी कराया जाएगा. आयोग इन सीटों को भरने के लिए 5 मार्च को अधिसूचना जारी करेगा. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 12 मार्च होगी, जबकि प्रत्याशी 15 मार्च तक अपना नाम वापस ले सकेंगे. राज्यसभा के सभी सीटों के लिए 23 मार्च को मतदान होगा. काउंटिंग भी इसी दिन होगी. उच्च सदन के सदस्यों का कार्यकाल खत्म होने की तिथि को देखते हुए 26 मार्च से पहले तक चुनाव प्रक्रिया को पूरा करना होगा. चुनाव आयोग ने इसे देखते हुए चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा की है. हाल में ही दिल्ली से तीन राज्यसभा सीटों को भरा गया था. तीनों सीटें आम आदमी पार्टी के खाते में गई थीं. मार्च में राज्यसभा की 58 सीटों पर होने वाले चुनाव पर भाजपा और कांग्रेस दोनों की नजरें टिकी हुई हैं. केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ज्यादा से ज्यादा सीटें जीत कर उच्च सदन में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश करेगी, वहीं कांग्रेस भी खुद को प्रभावी बनाए रखने का प्रयास करेगी. हालांकि, राज्यवार ब्यौरे को देखें तो भाजपा का पलड़ा भारी दिखता है.
उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की सबसे ज्यादा 10 सीटें रिक्त होने वाली हैं. भाजपा ने पिछले साल संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में प्रचंड बहुमत हासिल किया था. ऐसे में ज्यादातर सीटें सत्तारूढ़ पार्टी के खाते में जाएंगी. इसके बाद बिहार और महाराष्ट्र में 6-6 सीटें रिक्त होने जा रही हैं. इन दोनों राज्यों में भी भाजपा सत्ता में है. ऐसे में इन दोनों राज्यों में भी बीजेपी का पक्ष मजबूत है. पश्चिम बंगाल में 5 और गुजरात एवं कर्नाटक में राज्यसभा की 4-4 सीटों के लिए चुनाव होना है. मध्य प्रदेश में भी 5 सीटों के लिए चुनाव होगा. बता दें कि जिन 16 राज्यों में राज्यसभा की सीटें रिक्त हो रहीं हैं, उनमें से 12 प्रदेशों में भाजपा सत्ता में (कुछ में गठबंधन के साथ) है. भाजपा को उम्मीद है कि इनमें ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतने से राज्यसभा में उसकी स्थिति मजबूत होगी