अलीगढ़. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में जहरीली शराब पीने से मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. जिला प्रशासन ने शनिवार को सुबह तक 22 मौत की पुष्टि की है. हालांकि 8 शव पोस्टमार्टम हाउस के बाहर रखे हुए हैं. परिजनों का दावा है कि उनकी भी शराब पीने से मौत हुई है. 15 से ज्यादा लोगों की अभी भी हालत गंभीर है. उन्हें अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.
एसएसपी कलानिधि नैथानी और डीएम रंजीत सिंह ने बताया कि मृतकों में लोधा और खैर इलाके के अंडला, करसुआ, हैवतपुर गांव और जवा थाना क्षेत्र के छेरत गांव के लोग शामिल हैं. इन चार गांव के लोगों ने ठेके से गुरुवार की शाम शराब खरीदकर पी थी.
आबकारी विभाग के अफसर सहित 3 निलंबित
अपर मुख्य सचिव (आबकारी) संजय भुसरेड्डी ने तीन अधिकारियों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया है. इनमें जिला आबकारी अधिकारी धीरज शर्मा, आबकारी निरीक्षक राजेश कुमार यादव और प्रधान आबकारी सिपाही अशोक कुमार शामिल हैं.
ये आरोपी हिरासत में लिए गए
1- नरेन्द्र पुत्र दिगपाल, निवासी कस्बा व थाना लोधा जनपद अलीगढ़.
2- अजय पुत्र वीरपाल सिंह, निवासी कस्बा व थाना लोधा जनपद अलीगढ़.
3- अनिल चौधरी पुत्र किरन सिंह, निवासी धारागढ़ी थाना गोंडा जनपद अलीगढ़.
4- गंगा सहाय.
थाने से महज 3 किमी की दूरी पर बन रही थी शराब
ग्रामीणों का कहना है कि अंडला स्थित देसी शराब के ठेके से शराब खरीदकर कुछ लोगों ने पी. गौर करने वाली बात यह है कि यह ठेका थाने से महज 3 किमी की दूरी पर है. मामला सामने आने के बाद ष्ठरू चंद्र भूषण सिंह, ष्ठढ्ढत्र दीपक कुमार और स्स्क्क कलानिधि नैथानी मौके पर पहुंचे. वहां गांव के लोगों से पूछताछ की. जिस ठेके से शराब खरीदकर पीने की बात सामने आ रही है उसे सील करा दिया गया था.
स्प्रिट और केमिकल से खुद बनाई शराब
अलीगढ़ जनपद में दो बड़े शराब माफिया हैं. शराब की 511 दुकानों में से ज्यादातर यही संचालित करते हैं. सूत्रों के अनुसार पूरे लॉकडाउन में इन दोनों माफिया के लोगों ने नकली देसी शराब बनाकर सरकारी बारकोड लगाकर बेची. यह शराब स्प्रिट और कुछ केमिकल मिलाकर बनाई जाती थी. इन दोनों शराब माफिया पर पहले भी इस तरह के कई मुदकमे दर्ज हो चुके हैं. रसूख इतना मजबूत है कि हर बार इनके लोग बाहर आ जाते हैं.
सीएम ने कहा- दोषियों पर लगेगा एनएसए
इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में आबकारी और गृह विभाग से रिपोर्ट तलब की है. सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि दोषियों पर एनएसए लगाया जाए. दोषियों की संपत्ति जब्त कर नीलामी होगी और उससे मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा.