वाशिंगटन. अमेरिका ने भले ही अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया हो लेकिन तालिबान के लिए काबुल को जीतना शायद संभव न हो सके. अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों ने अफगानिस्तान में आंतक के बल पर कब्जे की कोशिश में जुटे तालिबान को रोकने का ऐलान कर दिया है. अमेरिका, ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने तालिबान को चेतावनी दी है कि अब उसकी छोटी से छोटी गलती का करारा जवाब दिया जाएगा. इस चेतावनी से स्पष्ट है कि दुनिया फिर से तालिबान को पैर पसारने का मौका नहीं देने वाली.
ताकत से सत्ता हासिल करने की कोशिशों में जुटा तालिबान ने दूर दराज के इलाकों में जीत जरूर हासिल की है लेकिन अब अफगान सेना के पलटवार से उसके पैर उखडऩे लगे हैं.
अफगानिस्तान में एक तरफ तालिबानी आतंकियों पर सेना जबरदस्त जवाबी हमले कर रही है तो दूसरी तरफ काबुल में पाकिस्तानी दूतावास के बाहर लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. एक तरफ अफगान सेना बर्बर तालिबान को रोकने के लिए खून बहा रहे हैं तो दूसरी तरफ पड़ोसी पाकिस्तान अफगानिस्तान को आतंक की आग में झोंकने की हर मुमकिन कोशिश कर रहा है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान वही कर रहा है, जो पाकिस्तानी सेना और आईएसआई उसे कह रही है. एक अखबार ने यहां तक दावा किया है तालिबान जिहाद के नाम पर हत्या और लूट में लगा है. यहां तक कि पाकिस्तान में जुमे की नमाज के दौरान लोगों से खुले तौर पर पैसा इक_ा किए जा रहे हैं. अफगानिस्तान के कई जिलों में सेना और तालिबान के खिलाफ जंग जारी है.
अफगान सेना तालिबान हमलों से निपटने के लिए एक खास दस्ता बना रही है. आधुनिक हथियारों से लैश अफगान नैशनल सिक्यॉरिटी फोर्सेज ने शुक्रवार को स्पिन बोल्डक को तालिबान के कब्जे से छुड़ा लिया है. स्पिन बोल्डक वही जगह है जहां अफगान सुरक्षाबलों पर हमले में भारतीय पत्रकार दानिश सिद्दीकी की जान चली गई थी.