लखनऊ. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश के नौ जिलों में नए मेडिकल कॉलेजों की सौगात देंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारी के आवश्यक प्रबंध समय से पूरे करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए ऐतिहासिक अवसर होगा कि जब एक साथ नौ जिलों में मेडिकल कॉलेजों का संचालन शुरू हो रहा है.
उत्तर प्रदेश में चिकित्सा व्यवस्था के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से अधिक मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं. सीएम योगी आदित्यनाथ का लक्ष्य हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज का है. इन नौ नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने से उत्तर प्रदेश में अब कुल मेडिकल कॉलेज 48 हो जाएंगे. इसके साथ ही 13 और मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कार्य तेज गति से चल रहा है. बुधवार को टीम-9 की बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि लोकार्पण कार्यक्रम के तैयारी कर ली जाए. उन्होंने कहा कि सरकार प्रत्येक जिले में एक मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए कृतसंकल्पित है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 30 जुलाई को उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर में आ रहे हैं और वहीं से सिद्धार्थनगर समेत नौ नए मेडिकल कॉलेजों जौनपुर, गाजीपुर, देवरिया, मीरजापुर, फतेहपुर, प्रतापगढ़, हरदोई और एटा का लोकार्पण करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी सिद्धार्थनगर मेडिकल कॉलेज का लोकार्पण फिजिकली और अन्य आठ मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण वचुर्अली करेंगे. नौ मेडिकल कॉलेजों का एक साथ लोकार्पण प्रदेश के इतिहास में अभूतपूर्व अवसर होगा.
कोरोना वायरस संक्रमण के पहले तथा दूसरे चरण में तमाम तरह की बंदिशों के बीच में भी उत्तर प्रदेश के विकास का काम चलता रहा. इसी का नतीजा है कि नौ जिलों में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 30 जुलाई इन नौ जिलों में मेडिकल कॉलेज का वर्चुअल लोकार्पण करेंगे. उत्तर प्रदेश के एटा, देवरिया, फतेहपुर, गाजीपुर, हरदोई, जौनपुर, मीरजापुर, प्रतापगढ़ के साथ ही सिद्धार्थनगर जिले में मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार हो चुके हैं.
मीरजापुर में मेडिकल कॉलेज का नामकरण मां विंध्यवासिनी के नाम पर होगा. गाजीपुर के संस्थान को महर्षि विश्वामित्र के नाम से जाना जाएगा. देवरिया, एटा, फतेहपुर, हरदोई, प्रतापगढ़, सिद्धार्थनगर और जौनपुर के कॉलेजों का नामकरण भी इसी तरह किया जाएगा. इन संस्थानों में 450 से अधिक संकाय सदस्यों की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने चयन प्रक्रिया में शुचिता और पारदर्शिता बरतने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा है कि मेरिट के आधार पर अच्छे शिक्षकों का चयन किया जाए.