कोरोना वायरस की वजह से लोग घर से काम कर रहे हैं. नौकरीपेशा लोग वर्क फ्रॉम की वजह से घर से ही काम कर रहे हैं, जबकि स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं. अब ना चाहते हुए भी पैरेंट्स बच्चों को लैपटॉप या मोबाइल फोन देने को मजबूर हैं और बच्चें कई घंटे स्क्रीन के सामने बिताने लगे हैं. लॉकडाउन की वजह से लोगों को स्क्रीन टाइम कई गुना बढ़ गया है, जिसकी वजह से अब लोगों में डिजिटल आई स्ट्रेन की दिक्कत आ रही है. स्क्रीन पर ज्यादा वक्त बिताने की वजह से यह दिक्कत सामने आ रही है.
ऐसे में जानते हैं आखिर ये डिजिटल आई स्ट्रेन क्या है और इसके क्या लक्षण है. साथ ही डॉक्टर से जानेंगे कि आखिर इससे कैसे बचा जा सकता है और किस स्थिति में डॉक्टर की सलाह देनी आवश्यक होती है. जानिए डिजिटल आई स्ट्रेन से जुड़ी हर एक बात…
क्या होता है स्ट्रेन?
दिल्ली के शार्प साईट आई हॉस्पिटल्स की सीनियर कंसलटेंट डॉक्टर अंजलि खन्ना ने बताया कि स्क्रीन की वजह से आंखों में होने वाली परेशानी को डिजिटल आई स्ट्रेन कहा जाता है. दरअसल, कोरोना वायरस के इस वक्त में स्क्रीन टाइम बदल गया है, इस वजह से आंखों पर काफी असर पड़ रहा है. वैसे तो जो लोग 2 घंटे स्क्रीन के सामने टाइम बिताते हैं, उन्हें डिजिटल आई स्ट्रेन का खतरा होता है, लेकिन भारत में यह टाइम औसत 7 घंटे हो गया है. इस वजह से स्क्रीन से आंखों को ज्यादा खतरा है.
कैसे होता है?
डॉक्टर अंजलि खन्ना का कहना है, ‘यह लगातार स्क्रीन देखने की वजह से होता है. जैसे- मान लीजिए आप गलत एंगल से स्क्रीन देख रहे हैं या फिर स्क्रीन आपके काफी पास है या फिर स्क्रीन का लाइट ज्यादा है और स्क्रीन के पीछे की लाइट यानी कमरे की लाइट कम है तो इसके खतरा ज्यादा रहता है. साथ ही जो लोग गलत एंगल से स्क्रीन देखते हैं, उन्हें भी दिखती है.’
कैसे पता चलता है?
डॉक्टर अंजलि ने बताया, ‘अगर डिजिटल आई स्ट्रेन की बात करें तो इसमें नजर धुंधली होने लग जाती है. स्क्रीन पर दिखाई देने वाले ऑब्जेक्ट दो-दो दिखाई देते हैं. इसके अलावा आंखों में सुखापन, दलन, लाली, पानी की शिकायत होती है. साथ ही डिजिटल आई स्ट्रेन के लक्षण थकी हुई आंखे, सिर दर्द, गर्दन-कंधे में दर्द भी है.’
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
डॉक्टर के अनुसार, ‘जिन लोगों को थाइराइड की प्रॉब्लम होती है और जिन लोगों के आर्थराइटिस की दवाइयां चल रही होती है, उन्हें इसका ज्यादा खतरा होता है. या फिर एंटी एलर्जिक दवाइयां भी चल रही हैं तो इन लोगों में इसका खतरा ज्यादा है.’
कैसे बचा जा सकता है?
डॉक्टर ने बताया, ‘इससे बचने के लिए सामान्य नियमों को फॉलो करना होता है, जिसमें स्क्रीन को ज्यादा देर ना देखना और बीच बीच में ब्रेक लेना शामिल है. इसके अलावा 20-20-20 रूल को फॉलो करना चाहिए. इसमें आप स्क्रीन पर 20 मिनट काम करने के बाद 20 फीट दूर तक देखें और फिर 20 सेकेंड का रेस्ट लें. साथ ही बीच में आंखों को झपकाते रहें. लाइट को कम रखें और लैपटॉप या मोबाइल फोन को आंख के एंगल से थोड़ा नीचे रखें. इसके अलावा अपने बैठने का तरीका भी ध्यान रखें.’
बच्चों का रखें खास ध्यान
दरअसल, जब बच्चे स्क्रीन पर देखते हैं तो वो आंख कम झपकाते हैं. ऐसे में उनका खास ध्यान रखें और बीच-बीच में बच्चों को कुछ देर का रेस्ट दें. उन्हें भी अच्छे से बैठकर एंगल का ध्यान रखते हुए पढ़ने के लिए कहें और स्क्रीन पर एंटरटेनमेंट के वक्त को कम करने के लिए कहें.