लंदन. ब्रिटेन के वेल्स में गुजर चुके करीबियों की अस्थि विसर्जन के लिए लंबे समय से जगह तलाश रहे हिंदू और सिख समुदाय को सफलता मिल गई है. कार्डिफ के लैंडन रोविन क्लब स्थित टैफ नदी पर दोनों समुदाय अब अंतिम क्रियाएं कर सकेंगे. बीते शनिवार को इस प्लेटफॉर्म की आधिकारिक रूप से शुरुआत हो गई है. इस कार्यक्रम में कार्डिफ काउंसिल के सदस्य और मंत्री मार्क ड्रेकफोर्ड भी शामिल हुए थे.
2016 में तैयार हुए अंतिम संस्कार ग्रुप वेल्स की अध्यक्ष विमला पटेल ने कहा, ‘कार्डिफ काउंसिल ने इस निर्माण कार्य में आर्थिक सहयोग दिया है. साउथ वेल्स के रहने वाले लैंडफ रोविंग क्लब और हिंदू और सिख समुदाय के सदस्यों ने अंतिम खर्चों को पूरा करने के लिए योगदान दिया है.’ उन्होंने बताया, ‘सालों के कठिन परिश्रम के बाद आखिर में हमारे पास एक स्वीकृत इलाका है, जहां परिवार आकर अपने प्रियजनों की अस्थियों का विसर्जन कर सकेंगे.
अंतिम क्रिया के लिए समर्पित जगह की कमी का मुद्दा कार्डिफ काउंसिल के सामने सबसे पहले जसवंत सिंह की तरफ से 1999 में उठाया गया. 2013 में ASGW के चन्नी कलेर की तरफ से जगह की खोज को एक नई रफ्तार मिली. कलेर ने कई हिंदू और सिख संस्थानों से संपर्क किया था. पटेल ने बताया था कि वेल्स में हिंदुओं और सिखों की तीन पीढ़ियां रहती हैं. पहली पीढ़ी को इन अस्थियों को मातृभूमि ले जाना पड़ता था.
कार्डिफ काउंसिल के प्रवक्ता ने कहा, ‘जैसा कि सिख और हिंदू धर्म में परंपरा है. दाह संस्कार किए जाने के बाद अस्थियों के बहते पानी में बहाने के लिए एक उपयुक्त जगह की तलाश ASGW काउंसिल के साथ सालों से कर रहा था.’ उन्होंने बताया, ‘इस दौरान कई इलाकों पर विचार किया गया, लेकिन यह जगह और रोविंग क्लब के साथ साझेदारी अब तक की सबसे अच्छी जगह साबित हुई और सुझाव दिए जाने के बाद समूह ने भी इसका स्वागत किया.’