नई दिल्ली. दिग्गज टेक कंपनी गूगल ने कथित डाटा दुरुपयोग के लिए साल 2018 और 2020 के बीच दर्जनों कर्मचारियों को निकाल दिया था. मदरबोर्ड द्वारा प्राप्त एक लीक दस्तावेजों के जरिए कर्मचारियों पर कंपनी की आंतरिक जांच के आंकड़े सामने आए हैं. कंपनी ने कई कर्मचारियों को यूजर्स डाटा के उल्लंघन/दुरुपयोग के लिए निकाल दिया था.
दस्तावेज के मुताबिक, सभी आरोपों का 86 फीसदी मामले अन्य पार्टी को जानकारी के ट्रांसफर सहित गोपनीय जानकारी के दुरुपयोग के आसपास केंद्रित था. साल 2020 में 36 कर्मचारियों की नौकरी समाप्त कर दी गई थी और 10 फीसदी मामले सिस्टम के मिसहैंडलिंग से संबंधित थे
इसमें तीसरे पार्टी तक अनधिकृत पहुंच की अनुमति देना, कर्मचारी डेटा को संशोधित करना या हटाना और नापाक तरीकों से यूजर्स डाटा तक पहुंच शामिल है. साल 2020 की तुलना में, साल 2019 में 13 फीसदी आरोप सुरक्षा उल्लंघनों के थे. साल 2019 में 26 लोगों की नौकरी चली गई और साल 2018 में 18 लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया.
पब्लिकेशन के साथ गुमनाम रूप से बोलते हुए लीकर ने मदरबोर्ड को बताया कि गूगल आरोपी के साथ ट्रेनिंग, कोचिंग और गंभीर चेतावनी सहित अन्य कदम भी उठा सकता है. पब्लिकेशन को दिए गए एक बयान में गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा, ”ज्यादातर मामले मालिकाना और संवेदनशील कॉर्पोरेट जानकारी या आईपी के दुरुपयोग से संबंधित है.”