चमोली. उत्तराखंड में एक तरफ कांवड़ यात्रा पर लगा प्रतिबंध सुर्खियों में बना हुआ है, तो दूसरी तरफ चार धाम यात्रा को शुरू किए जाने की मांग लगातार तेज़ हो रही है. हाई कोर्ट और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर इस यात्रा पर अपना रुख साफ कर चुके हैं और अब लोग सीधे तौर पर सड़कों पर आने की रणनीति बनाने लगे हैं. बद्रीनाथ में चार धाम यात्रा शुरू करने को लेकर स्थानीय लोगों ने महापंचायत का आयोजन किया और एकराय से पुरज़ोर मांग उठाई की दो सालों से बंद यात्रा को जल्द शुरू किया जाए ताकि स्थानीय लोगों को रोज़गार मिले.
महापंचायत में कई पक्षों के लोग शामिल थे, जिन्होंने इस बात पर सहमति जताई कि दो साल से यात्रा प्रतिबंधित होने के कारण स्थानीय व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. समाचार एजेंसियों से आई खबरों के मुताबिक महापंचायत के दौरान स्थानीय लोग, व्यापारी, होटल संचालक और मंदिरों से जुड़े पुरोहितों व पुजारियों ने रैली निकालकर सरकार के विरोध में नारे भी लगाए. इस दौरान लोगों ने साफ तौर पर आंदोलन तेज़ करने की धमकी भी दी.
बद्रीश संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेश मेहता के हवाले से समाचारों में कहा गया कि चारधाम यात्रा जल्द शुरू नहीं की गई तो लोग अपना आंदोलन तेज़ करेंगे और इसके लिए राज्य सरकार ही ज़िम्मेदार होगी. वहीं, महापंचायत में शामिल लोगों ने बताया कि किस तरह इस यात्रा के बंद होने से युवा बेरोज़गारी बढ़ चुकी है. बैंकों से कर्ज़ लेने वालों को लगातार नोटिस मिल रहे हैं, बिजली, पानी और ईंधन आदि का खर्च लगातार बना हुआ है, लेकिन काम धंधा चौपट होने से लोग भुखमरी के हालात में आ चुके हैं.
गौरतलब है कि कोविड की तीसरी लहर के जोखिम के संबंध में राज्य सरकार द्वारा पर्याप्त इंतज़ामों का ब्योरा न दे पाने के कारण उत्तराखंड हाई कोर्ट ने इस यात्रा को शुरू करने से मना कर दिया था. इसके बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख भी किया था. हाल में सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा था कि चारधाम यात्रा शुरू करने के लिए राज्य सरकार सभी इंतज़ाम करने में जुटी है.