देहरादून. उत्तराखंड विधानसभा के पांच दिनों के मानसून सत्र को एक दिन बढ़ाया गया ताकि शनिवार को एक विशेष बहस हो सके लेकिन तयशुदा कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सत्र तकनीकी रूप से संपन्न हो गया. सत्र के पांचों दिन सदन में उपस्थिति दर्ज करवाने वाले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आखिरी दिन कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं. दो बड़ी घोषणाएं ये रहीं कि एक तो राज्य में भू-कानून लागू किए जाने के संबंध में एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाई जाएगी और दूसरा बड़ा ऐलान यह था कि डिग्री कॉलेज के 1 लाख छात्रों को टैबलेट मुफ्त दिए जाएंगे. मुफ्त टैबलेट दिए जाने की वादा वास्तव में सीएम धामी ने 15 अगस्त के मौके पर अपने भाषण में किया था.
सीएम धामी ने घोषणा करते हुए कहा कि पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार के नेतृत्व में एक कमेटी बनाई जाएगी, जो राज्य में ज़मीनों से जुड़े कानून के संबंध में चिंतन करते हुए सरकार को एक रिपोर्ट सौंपेगी. इसी तरह फ्री टैबलेट दिए जाने की घोषणा काफी अहम भी है और महंगी भी क्योंकि इसके चलते राजकोष पर 100 करोड़ रुपये का भार आएगा. जानकार ये भी कह रहे हैं कि आगामी साल में विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र ये घोषणाएं अहम हैं.
सीएम धामी ने विधानसभा सत्र के आखिरी दिन एक और महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए कहा कि कोविड-19 के दौर में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले कॉंस्टेबलों, हेड कॉंस्टेबलों, सब इंस्पेक्टरों, इंस्पेक्टरों, पटवारियों, लेखपालों, राजस्व निरीक्षकों, नायब तहसीलदारों, ग्राम विकास अधिकारियों और ग्राम विकास पंचायत अधिकारियों को एक बार 10,000 रुपये की राशि प्रोत्साहन के तौर पर दी जाएगी.
डीआईएमएस यूनिवर्सिटी विधेयक को शुक्रवार को विधानसभा में पास कर दिया गया. इसके साथ, शुक्रवार को ही विधायक देशराज कर्णवाल व महेश जीना ने पटल पर संकल्प प्रस्तुत किए. चूंकि विपक्ष ने किसानों से जुड़े मुद्दों को लेकर आखिरी दिन सदन में हंगामा करने के बाद वॉकआउट भी किया इसलिए अन्य दो विधायक अपने संकल्प सूचीबद्ध होने के बावजूद पेश नहीं कर सके. गौरतलब है कि पांच दिनों के सत्र में 8 विधेयक पास हुए तो ज़मींदारी से जुड़ा उत्तराखंड का विधेयक और देवस्थानम प्रबंधन से जुड़ा विधेयक पटल पर नामंज़ूर हो गया.