नई दिल्ली। भारत सरकार की नीरव मोदी एंड कंपनी से तेजी से जारी वसूली की चाहत को उस वक्त करार झटका लगा जब अमेरिका की एक अदालत ने नीरव मोदी के स्वामित्व वाली कंपनी फायरस्टार डायमंड से लेनदारों के ऋण संग्रह पर अंतरिम रोक लगा दी है। इस कंपनी ने दिवालिया घोषित होने से जुड़ी प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है।
गौरतलब है कि नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक से करीब दो अरब डॉलर की कथित धोखाधड़ी का आरोप है। न्यूयॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट में दिवाला अदालत ने दो पृष्ठों के आदेश में कहा है कि दिवाला प्रक्रिया के आवेदन के साथ ही संग्रह से जुड़ी अधिकतर गतिविधियों पर स्वत: रोक लग गई है। फायरस्टार डायमंड ने अमेरिका में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण का दावा किया है।
कंपनी की वेबसाइट के अनुसार उसका परिचालन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व भारत सहित कई देशों में फैला है। उसने अपनी मौजूदा स्थिति के लिए नकदी व आपूर्ति शृंखला में दिक्कतों को जिम्मेदार बताया है। अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने 10 करोड़ डालर की आस्तियों व कर्ज का जिक्र किया है।नीरव मोदी, उसके मामा मेहुल चौकसी व उनसे जुड़ी फर्मों पर पीएनबी से 12,717 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप हैं।