अयोध्या. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है. 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के निर्माण का शिलान्यास किया था. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के मुताबिक दिसंबर 2023 तक मंदिर निर्माण का काम पूरा हो जाने की उम्मीद है. आज एबीपी न्यूज़ ने निर्माणाधीन मंदिर परिसर का जायजा लिया और जाना की मंदिर निर्माण का काम कितना आगे बढ़ा है.
भगवान राम की जन्मभूमि पर जहां रामलला का जन्म हुआ था, वहां एक पिलर बनाया गया है और पिलर के ऊपर भगवान राम का एक झंडा लहरा रहा है. इसी जगह पर मंदिर का गर्भ गृह बनाया जाएगा. गर्भ गृह के आसपास नींव भराई का काम पूरा किया जा चुका है. इस काम को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास ने निजी कंपनी एल ऐंड टी को दिया है जो दिन रात मशीन और मजदूर लगाकर काम पूरा कर रही है.
श्रीराम जन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के लिए नींव भराई का काम पूरा हो चुका है. 48 लेयर का काम पूरा किया जा चुका है. अब स्प्लिन्थ के लिए मिर्जापुर की बलुई मिट्टी से बने पत्थरों को नींव के ऊपर लगाया जाएगा. इन पत्थरों को लगाए जाने के बाद मंदिर निर्माण के लिए जो तराशे हुए पत्थर हैं उनको लगाने का काम शुरू होगा. बताया जा रहा है कि अक्टूबर में मिर्जापुर की बलुई मिट्टी से बने रेड स्टोन पत्थर को लगाने का काम शुरू हो जाएगा.
विश्व हिंदू परिषद ने मंदिर निर्माण के लिए 1989 में शिला पूजन किया था. तभी से पत्थरों को गढ़ने का काम विश्व हिंदू परिषद की कार्यशाला में किया जा रहा है. पुराने डिजाइन के मुताबिक 60 से 65 फीसदी काम पूरा हो चुका था लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद जब मंदिर निर्माण की तैयारी हुई तब डिजाइन में बदलाव किया गया और मंदिर को और ज्यादा दिव्य और भव्य बनाने के लिए डिजाइन में परिवर्तन किया गया. ऐसे में नए डिजाइन के मुताबिक अभी लगभग 30 से 40 फीसदी पत्थर गढ़ाई का काम पूरा हो चुका है. अब नए सिरे से पत्थरों को गढ़ने का काम किया जा रहा है.
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने बताया कि नए डिजाइन के मुताबिक मंदिर की ऊंचाई 161 फीट, लंबाई 400 फीट और चौड़ाई 300 फीट होगी. मंदिर में पांच गुंबद होंगे. पुराने डिजाइन के मुताबिक लगभग 60 से 65% काम पूरा हुआ था लेकिन नए डिजाइन के मुताबिक अभी पत्थर गढ़ाई का 30 से 40 फीसदी काम पूरा हो पाया है. शरद शर्मा ने बताया कि 2022 के अंत तक मंदिर का स्वरूप दिखने लगेगा और दिसंबर 2023 तक भगवान राम का मंदिर बनकर तैयार हो जाएगा.