वामपंथी नेता कन्हैया कुमार के जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें हैं. बताया जा रहा है कि वह लगातार कांग्रेस के संपर्क में है. साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से भी मुलाकात की है. वहीं, गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी भी कांग्रेस नेतृत्व के संपर्क में हैं. कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव में उत्तरी गुजरात के बनासकांठा जिले की वडगाम सीट से उम्मीदवार नहीं उतारकर मेवाणी की मदद की थी.
कन्हैया कुमार के करीबी सूत्रों ने बताया कि वह भाकपा में घुटन महसूस कर रहे थे. उन्होंने मंगलवार को गांधी से मुलाकात की और समझा जाता है कि दोनों ने कांग्रेस में उनके प्रवेश पर चर्चा की. कुमार के संभावित निकास के बारे में पूछे जाने पर, भाकपा महासचिव डी राजा ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में केवल अटकलें सुनी हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि वह इस महीने की शुरुआत में हमारी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में मौजूद थे. उन्होंने बात की और विचार-विमर्श में भाग भी लिया’.
बिहार में कांग्रेस को मिली थी केवल 19 सीट
कांग्रेस के सूत्रों का यह भी कहना है कि कन्हैया कुमार बिहार (Bihar) की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के इच्छुक हैं. कांग्रेस पिछले तीन दशकों से बिहार में राजनीतिक जंगल में थी. पिछले साल के विधानसभा चुनावों में भी, सहयोगी दलों राजद और सीपीआई (एमएल) की तुलना में इसने खराब प्रदर्शन किया. कांग्रेस 70 में से केवल 19 सीटों पर ही जीत सकी थी. राजद ने जिन 144 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से आधे से ज्यादा पर जीत हासिल की, जबकि सीपीआई (एमएल) ने 19 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की, जहां उसने उम्मीदवार उतारे.
कुमार-मेवाणी के शामिल होने से मिलेगा बढ़ावा
कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पार्टी का मानना है कि कुमार और मेवाणी के प्रवेश से इसे बढ़ावा मिलेगा. क्योंकि पिछले दो सालों में कई युवा नेताओं ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है. इसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया, सुष्मिता देव, जितिन प्रसाद और प्रियंका चतुर्वेदी का नाम शामिल है. कुमार अगर कांग्रेस में शामिल होते हैं, तो पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रचार के लिए भी इस्तेमाल कर सकती है. सपा-बसपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे आगामी विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस के साथ हाथ नहीं मिलाएंगे, पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ेगी.