नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच रवि शास्त्री इन दिनों दो वजहों से सुर्खियों में छाए गए हैं. इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज का आखिरी टेस्ट मैनचेस्टर में खेला जाना था जो कोरोना के चलते रद्द हो गया है, इसके लिए ब्रिटिश मीडिया और फैंस ने शास्त्री को जिम्मेदार ठहराया. शास्त्री ने लंदन में अपने किताब का विमोचन किया था जिसके बाद वह कोरोना पॉजिटिव निकले थे.
इसके अलावा टी20 वर्ल्ड कप से बाद शास्त्री टीम इंडिया से अलग हो जाएंगे. शास्त्री का अनुबंध इसी साल नवंबर में खत्म हो रहा है और वह भारतीय टीम से आगे नहीं जुड़ा रहना चाहते. शास्त्री ने भारतीय टीम को कोचिंग देने के मुद्दे पर कहा कि यह आसान काम नहीं है. आप हमेशा निशाने पर होते हैं.
रवि शास्त्री ने भारत में क्रिकेट के प्रति उत्साह के बारे में कहा कि कोविड है या नहीं, उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है. वे चाहते हैं कि आप जीते और रन बनाएं. शास्त्री ने कहा, आप जानते हैं, भारत का कोच होना ब्राजील या इंग्लैंड का फुटबॉल कोच होने जैसा है. आप हमेशा बंदूक की नोक पर होते हैं. आपके छह महीने बेहतरीन हो सकते हैं और फिर आप 36 रन बनाकर आउट हो जाते हैं और वे आपको गोली मार देंगे. तो आपको तुरंत जीतना होगा. नहीं तो वे आपको खा लेंगे. मैं मोटी चमड़ी का आदमी हूं, इसलिए इससे कोई फर्क नहीं पड़ता.
शास्त्री ने साफ किया कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद उनके जाने का सही समय है. उन्होंने कहा, मैं ऐसा मानता हूं, क्योंकि मैंने वह सब हासिल कर लिया है जो मैं चाहता था. टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 के रूप में पांच साल रहना, ऑस्ट्रेलिया में दो बार जीत हासिल करना और इंग्लैंड में भी जीतना. यह मेरे क्रिकेट करियर के 40 सालों का सबसे संतोषजनक क्षण है.
शास्त्री ने पहली बार 2014 से 2016 में टी20 वर्ल्ड कप तक निदेशक के रूप में टीम की कमान संभाली थी, जिसके बाद अनिल कुंबले को एक साल के लिए नियुक्त किया गया था. साल 2017 में अनिल कुंबले के हटने के बाद रवि शास्त्री को भारतीय क्रिकेट टीम का पूर्णकालिक कोच बनाया गया था. शास्त्री के कार्यकाल में भारत ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर दो बार टेस्ट सीरीज में मात देने में सफल रही है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड में बेहतरीन प्रदर्शन किया है. हालांकि अभी तक रवि शास्त्री के नेतृत्व में भारतीय टीम आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी है. टी20 वर्ल्ड कप शास्त्री के लिए आईसीसी ट्रॉफी जीतने का आखिरी मौका है.