- भाजपा की जोरदार दस्तक से बेहद तिलमिलाई मुख्यमंत्री ममता
- कहा भगवा पार्टी कभी भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में नहीं जीतेगी
नई दिल्ली। केन्द्र से लेकर धीरे धीरे राज्यों और वो भी कई राज्य तो ऐसे जहां कुछ दल बरसों से मठाधीश बने थे वहां भी उनकी मठाधीशी खत्म कर सबको हैरत में डालने वाली भाजपा से दो दो हाथ करने को अब दीदी बेताब हैं और 2019 में भाजपा के विनाश का ख्वाब देख रहीं हैं। उन्होंने तीन राज्यों के चुनाव परिणामों को भाजपा की जीत से ज्यादा वाम दलों और कांग्रेस की लापरवाही बताया।
पुर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा की जोरदार दस्तक से बेहद तिलमिलाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनौती भरे अंदाज में कहा कि भगवा पार्टी कभी भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में नहीं जीतेगी। उन्होंने भाजपा को ऐसा तिलचट्टा बताया जो पंख लगाकर मोर बनने का सपना देख रहा है।
उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में परिणाम का कारण माकपा का ‘‘आत्मसमर्पण’ और गठबंधन के लिए कांग्रेस का सहमत नहीं होना है। उन्होंने कहा कि अगर राहुल गांधी तृणमूल कांग्रेस और स्थानीय पहाड़ी दलों के साथ गठबंधन के लिए राजी हो जाते तो परिणाम अलग हो सकते थे।
त्रिपुरा में वामपंथ के 25 वर्ष के शासन का अंत होने और भाजपा की जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए ममता ने कहा कि ऐसे राज्य में जीत पर खुश होने की बात नहीं है जहां महज 26 लाख मतदाता हैं और दो संसदीय सीट हैं। साथ ही वोट का अंतर केवल पांच फीसदी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा को 50 फीसदी मत मिले जबकि माकपा को 45 फीसदी। इन चुनावों में माकपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है। लेकिन त्रिपुरा में माकपा ने भगवा दल के विरोध में गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव परिणाम से भाजपा को कई राज्यों में होने वाले चुनावों में फायदा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में भाजपा की जीत के बावजूद ‘‘पश्चिम बंगाल और ओडिशा में जीत आसान नहीं होगी। भाजपा को कर्नाटक, राजस्थान और मध्यप्रदेश में हार का सामना करना पड़ेगा। गुजरात में उनके लिए नैतिक हार थी।
उन्होंने दावा किया कि 2019 लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए विनाशकारी साबित होगा और पार्टी सत्ता बरकरार नहीं रख पाएगी। पश्चिम बंगाल और ओडिशा को भाजपा द्वारा लक्ष्य बनाने पर ममता ने कहा कि कभी-कभी तिलचट्टा भी पंख लगाकर मोर बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि ऐसा कभी नहीं होगा और यह सपना ही रह जाएगा।