नई दिल्ली. धर्मांतरण के मामले में यूपी एटीएस ने ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को गिरफ्तार किया था. कलीम पर बड़े स्तर पर धर्मांतरण रैकेट चलाने का आरोपी है. अब कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिसके तार सीधे तौर पर कलीम सिद्दीकी से जुड़ रहे हैं.
इन मामलों में लोगों को धर्मांतरण करके भड़काया गया है और गुमराह भी किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहला मामला राजस्थान के अलवर का रहने वाले मेंमचंद से जुड़ा है. मेंमचंद का धर्मांतरण किया गया था उसे बाद में मोहम्मद अनस की पहचान दी गई थी. मेमचंद का कहना है कि दाव ए इस्लाम ट्रस्ट में कलीम सिद्दीकी और उसके लोग धर्म परिवर्तन का काम चलाते हैं.
मेंम चंद ने बताया कि यहां हिंदू धर्म का नाम लेकर गलत तरीके से भड़काया जाता है. मेमचंद ने आगे बताया कि नक्शा सुलेमानी नाम की किताब कलीम सिद्दीकी और अबू बकर ने उसे दी थी. उस किताब में तंत्र-मंत्र के जरिए लड़कियों को कैसे फंसाया जाए, इन तमाम चीजों की जानकारी दी.
मेंमचंद ने बताया कि उसे जम्मू-कश्मीर भेजा गया. वहां पर उसे जवानों पर पत्थरबाजी का काम सौंपा गया. लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया. इसके अलावा मेंमचंद को फर्जी पासपोर्ट के जरिए कलीम सिद्दीकी और अबू बकर ने हज करने के लिए भेज दिया था. मेंमचंद ने अपनी बताया कि ये लोग वोटर आईडी कार्ड और आधार कार्ड भी तुरंत बनवा देते थे. मेंमचंद ने बताया कि दलितों को सबसे ज्यादा टारगेट किया जाता है. उन्होंने बताया कि विदेशों से इतना ज्यादा पैसा आता है कि लोग जमीन खरीद कर भी इनका धर्म परिवर्तन कराते हैं.
वहीं बरोटा जिले के मनोज कुमार भी इस रैकेट का शिकार हुए. मनोट का भी धर्म परिवर्तन कर उनका नाम भी बदला गया. उसे भी भड़काया गया. मनोज की पिता रमेश इसके लिए कलीम सिद्दीकी को जिम्मेदार मानते हैं. उनका कहना है कि पहले मनोज का कलीम से मिलवाया गया था. इसके बाद पैसे का लालज देकर धर्म परिवर्तन करवाया गया.
वहीं एक और मामला मेवात का है. यहां पर शोएब उर्फ साहिल के भाई का धर्मांतरण किया गया था. भाई ने जानकारी दी कि इस काम में अबू बकर और कलीम सिद्दीकी की सक्रिय भूमिका है. अबू बकर और कलीम सिद्दकी पहले नौजवान मुस्लिम लड़कों को ढूंढते थे और बाद में उनकी शादी हिंदू लड़कियों से करवा दिया करते थे. साहिल के भाई के अनुसार शादी करवाने के बाद लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाया जाता था.