न्यूयार्क. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया. इस इवेंट के लिए पीएम मोदी आज ही अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी से न्यूयॉर्क पहुंचे थे. उन्होंने यूएनजीए के 76वें समिट में भाषण की शुरुआत नमस्कार साथियों कहकर की. भाषण को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद संभालने के लिए अब्दुल्ला जी को बधाई. यह विकासशील देशों के लिए गौरव की बात है. पिछले डेढ़ साल से हम 100 साल में आई सबसे बड़ी महामारी का सामना कर रहे हैं. ऐसी महामारी में जीवन गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देता हूं.
नाम लिए बिना पाकिस्तान पर निशाना साधा
मोदी ने कहा कि जो देश आतंकवाद को टूल की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं,उन्हें ये सोचना होगा कि ये उनको भी भारी पड़ सकता है. हमें सतर्क रहना होगा कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल कोई देश अपने हितों के लिए न कर सके. वहां की महिलाओं और बच्चों को संभालना है. हमें अपना दायित्व निभाना होगा. हमारे समंदर हमारी साझी विरासत हैं. इन्हें हमें विस्तार और ताकत के जोर से कब्जा करने से बचाना होगा. इसके लिए दुनिया को एक सुर में आवाज उठानी होगी. सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौर में भारत की पहल इस बारे में इंगित करती है.
उन्होंने कहा कि चाणक्य ने सदियों पहले कहा था- जब सही समय पर सही कार्य नहीं किया जाता तो समय ही उस कार्य की सफलता को नाकाम कर देता है. संयुक्त राष्ट्र को खुद में सुधार करना होगा. कई सवाल खड़े हो रहे हैं. इन सवालों को हमने कोविड और आतंकवाद और अफगान संकट में गहरा कर दिया है.
भारत करोड़ों डोज लगाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म दे रहा
भारत का वैक्सीन प्लेटफॉर्म एक ही दिन में करोड़ों डोज लगाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म दे रहा है. भारत सीमित संशाधनों के बावजूद वैक्सीन डेवलपमेंट में जी जान से जुटा है. भारत ने पहली डीएनए वैक्सीन डेवलप कर ली है. इसे 12 साल से ऊपर के सभी लोगों को लगा सकते हैं. एक और आरएनए वैक्सीन तैयार की जा रही है. नेजल वैक्सीन भी तैयार की जा रही है. भारत ने दुनिया के जरूरतमंदों को फिर वैक्सीन देना शुरू कर दी है. मैं आज दुनिया के वैक्सीन मैन्युफैक्चरर्स से कहना चाहता हूं. कम मेक वैक्सीन इन इंडिया.
ग्लोबल चेन वैक्सीनेशन जरूरी
मोदी ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि डेमोक्रेसी विद टेक्नोलॉजी. भारतीय मूल के डॉक्टर या प्रोफेशनल्स किसी भी देश में रहें हमारे मूल्य उन्हें मानवता की सेवा करने का लक्ष्य देते रहते हैं. महामारी ने दुनिया को यह भी सबक दिया है कि वैश्विक व्यवस्था को और विकेंद्रित किया जाए. हमारा वैक्सीन प्रयास इसी भावना से प्रेरित है. ग्लोबल चेन वैक्सीनेशन जरूरी है. बड़े और विकसित देशों की तुलना में क्लाइमेट एक्शन देखकर लोग चकित हैं. हम भारत को सबसे बड़ा ग्रीन हाइड्रोजन हब बनाने में जुटे हैं. हमे आने वाली पीढिय़ों को जवाब देना है. उन्होंने आगे कहा कि ये भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक छोटा बच्चा जो कभी एक रेलवे स्टेशन की टी स्टॉल पर अपने पिता की मदद करता था वो आज चौथी बार भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर यूएनजीए को संबोधित कर रहा है.
विविधता ही भारत की पहचान
मोदी ने कहा कि मैं उस देश से आता हूं जिसे मदर ऑफ डेमोक्रेसी कहते हैं. 15 अगस्त को भारत ने अपनी आजादी की 75वें वर्ष में प्रवेश किया है. हमारी विविधता पहचान है. यहां अलग-अलग भाषाएं और संस्कृति हैं. यह भारत के लोकतंत्र की ताकत है कि एक चायवाला चौथी बार इस सत्र को संबोधित कर रहा है.
प्रधानमंत्री ने ड्रोन मैपिंग का जिक्र किया
मोदी ने कहा कि मैं अपने अनुभव से कह रहा है कि यस डेमोक्रेसी केन डिलेवर. पंडित दीनदयाल उपाध्याय कहा करते के एकात्म मानववाद. यह पूरी मानवता का विचार है. अंत्योदय का विचार है. विकास सर्वसमावेशी और सर्वव्यापी हो या सर्वउपलब्ध हो. हमने 7 वर्षों में 43 करोड़ लोगों को बैंकिंग से जोड़ा है. 50 करोड़ लोगों को क्वालिटी हेल्थ सेक्टर से जोड़ा है. बड़ी-बड़ी संस्थाओं ने माना है कि वहां के नागरिकों के लिए जमीन का रिकॉर्ड होना जरूरी है. दुनिया में कई देशों में ऐसे लोग हैं, जिनके पास जमीन का रिकॉर्ड नहीं है. हम भारत में ड्रोन से मैपिंग कराकर लोगों को जमीन का रिकॉर्ड दे रहे हैं. इससे लोगों को बैंक लोन और ऑनरशिप दिला रहे हैं. विश्व का हर 6वां व्यिक्त भारतीय है. जब भारत विकास करता है तो दुनिया का विकास होता है. व्हेन इंडिया रिफॉर्म वर्ल्ड ट्रॉसफॉर्म.
गुरुदेव की पंक्तियों के साथ भाषण का समापन
मोदी ने गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर की पंक्तियों के साथ भाषण खत्म किया. उन्होंने कहा कि गुरुदेव ने कहा था- अपने शुभ कर्म पथ पर निर्भीक होकर आगे बढ़ो, सफलता आपके साथ होगी. मुझे भरोसा है कि हम सबका प्रयास विश्व में शांति और सौहार्द बढ़ाएगा. विश्व को स्वस्थ और सुंदर बनाएगा. मोदी के भाषण के दौरान हृत्र्र विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रिंगला और अमेरिका में भारत के राजदूत तरनजीत सिंह संधू और एनएसए अजीत डोभाल भी मौजूद रहे.