चंडीगढ़. चरणजीत सिंह चन्नी कैबिनेट में शामिल किए गए नए मंत्रियों ने रविवार शाम पंजाब गवर्नर हाउस में शपथ ली. चरणजीत सिंह चन्नी, मुख्यमंत्री, सुखजिंदर सिंह रंधावा, उपमुख्यमंत्री, ओपी सोनी, उपमुख्यमंत्री का नाम पहले से तय हो चुका था. राहुल गांधी और केंद्रीय आलाकमान के साथ हुई लंबी बैठकों के बाद पंजाब के नवनियुक्त सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने अपने कैबिनेट के चेहरों पर मुहर लगाई. कैबिनेट विस्तार से ठीक पहले मंत्री पद के बड़े दावेदार कुलजीत नागरा ने अपनी दावेदारी छोड़ दी.
इन्हें मिली जगह
ब्रह्म मोहिंदरा- अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री थे. छह बार के विधायक रहे हैं. पटियाला ग्रामीण सीटे विधायक हैं.
मनप्रीत सिंह बादल- अमरिंदर सिंह सरकार में मंत्री थे. अकाली दल में भी रह चुके हैं. लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, हालांकि कामयाबी नहीं मिली.
तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा- दूसरी बार मंत्री बन रहे हैं. कैप्टन की सरकार में भी मंत्री रहे हैं. लंबे समय से कांग्रेस से जुड़े हुए हैं. अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेताओं में शामिल रहे हैं.
अरुणा चौधरी- दीनानगर सीट से विधायक हैं. पंजाब कांग्रेस की महासचिव रही हैं. अनुसूचित जाति से आती हैं. कैप्टन की सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रही हैं. तीसरी बार विधायक बनी हैं.
सुखबिंदर सिंह सरकारिया- कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में मंत्री रहे. एक समय में कैप्टन के बेहद करीबी रहे. बाद में दोनों के रिश्तों में खटास आ गई.
राणा गुरजीत सिंह- एक समय में कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी हुआ करते थे. पंजाब के बड़े बिजनेसमैन हैं. 2017 में मंत्री बनाया गया था और 2018 में हटा भी दिया गया था. इन्हें मंत्री बनाए जाने के फैसले का आज विरोध भी हुआ.
रजिया सुल्ताना- अमरिंदर सिंह की सरकार में भी मंत्री थीं. पंजाब वक्फ बोर्ड की अध्यक्ष रही हैं. कांग्रेस का मुस्लिम महिला चेहरा है. पंजाब कैबिनेट में एकमात्र मुस्लिम नेता हैं.
भारत भूषण आशु- यह लुधियाना से आते हैं. पुराने कांग्रेसी हैं, हिंदू चेहरा, युवाओं पर पकड़, दबंग नेता के तौर पर जाने जाते हैं. फूड एंड सप्लाई विभाग संभाल चुके हैं.
विजय इंदर सिंगला- सिंघला शिक्षा मंत्री रहे हैं, गांधी परिवार से नज़दीकियां हैं और अंत तक अमरिंदर सिंह के साथ खड़े रहेरणदीप सिंह नाभा- फतेहगढ़ साहिब की अमलोह विधानसभा सीट से लगातार चौथी बार विधायक. विधानसभा की लायब्रेरी कमेटी के सदस्य.