बर्लिन. जर्मनी में रविवार को हुए चुनाव के बाद सोशल डेमोक्रेटिक सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी. चुनाव परिणामों के अनुसार जर्मन चांसलर के पद से रिटायर हो रहीं एंगेला मार्कल की पार्टी साल 2005 के बाद पहली बार सरकार की अगुवाई नहीं कर पाएगी. परिणामों के साथ ही मर्केल की 16 साल की सरकार भी खत्म होने को है. परिणामों में सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक 25.5 फीसदी वोट्स के साथ सबसे आगे है वहीं मर्केल के सीडीयू/सीएयसू कंजरवेटिव अलायंस को 24.5 फीसदी वोट मिले.
730 सीटों में SPD को 205, सीडीयू/CSU को 194, एलाएंस 90, या द ग्रीन्स को 116 और फ्री डेमोक्रेटिक पार्टी को 91 सीटें मिली हैं. इसके साथ ही अल्टर्नेटिव फॉर जर्मनी को 84, द लेफ्ट को 39 और अन्य के हिस्से में 1 सीट आई है. इस हिसाब से देखें तो किसी भी राजनीतिक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में देश में गठबंधन की सरकार बनने के आसार हैं.
माना जा रहा है कि ग्रीन्स और एफडीपी सरकार में शामिल हो सकते हैं. सोशल डेमोक्रेटिक के चांसलर उम्मीदवार ओलाफ शुल्ज ने अपने समर्थकों से कहा कि निश्चित तौर पर यह लंबी चुनावी शाम होगी. बीते 16 साल से एंजेला, जर्मनी की सत्ता पर काबिज हैं. वह चार बार चांसलर चुनी गईं. साल 2018 में एंजेला ने ऐलान किया था कि वह पांचवीं बार चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगी.
उधर सोशल डेमोक्रेट पार्टी के महासचिव ने कहा है कि आम चुनाव के एग्जिट पोल को देखते हुए उनका मानना है कि उनकी पार्टी को सत्तारूढ़ होने के लिए गठबंधन बनाने के वास्ते जनादेश प्राप्त हुआ है. क्लिंगबील ने कहा कि पार्टी को अब गठबंधन बनाने का अवसर मिला है और उसके शीर्ष उम्मीदवार ओलाफ शोल्ज चांसलर बनेंगे.इस बीच जर्मनी की वर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल के यूनियन गुट के महासचिव ने कहा कि एग्जिट पोल के नतीजों से दुख हुआ क्योंकि पार्टी 1949 के बाद से अब तक का सबसे बुरा नतीजा देख रही है.