अयोध्या. हिंदू राष्ट्र घोषणा को लेकर संत समाज आंदोलित होता दिख रहा है. संत समुदाय के अग्रणी व्यक्तित्व जगदगुरु परमहंस आचार्य महाराज ने चेतावनी दी है कि आगामी 2 अक्टूबर तक अगर भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित नहीं किया गया, तो वह जल समाधि ले लेंगे. यही नहीं, आचार्य ने मुस्लिमों और ईसाइयों की राष्ट्रीयता खत्म किए जाने की मांग भी उठा दी है. उन्होंने सीधे केंद्र सरकार से ये मांगें करते हुए चेतावनी दी है. जबकि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में चुनाव होने हैं और अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का काम तेज़ी से चल रहा है, ऐसे में इस तरह का बयान काफी अहम माना जा रहा है.
आचार्य ने कैसे दिए सवालों के जवाब?
यह चेतावनी देने वाले परमहंस आचार्य से जब पत्रकारों ने सवाल किए तो उन्होंने बताया कि सभी संस्थानों के लोग मिलकर 1 अक्टूबर को सनातन धर्म संसद का आयोजन करेंगे और 2 अक्टूबर को इन भावनाओं को दरकिनार किया गया तो मैं जल समाधि ले लूंगा. हो सकता है कि मुझे श्रद्धांजलि देते हुए मोदी जी भारत को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दें.
जब संत परमहंस से पूछा गया कि सभी धर्मों के इस देश में अगर धर्म के नाम पर लोगों की राष्ट्रीयता खत्म की जाएगी, तो लोकतंत्र कैसे बचेगा? इस पर उन्होंने कहा, संविधान है, अदालतें हैं, लोकतंत्र है. जब तक हिंदू बहुमत में रहेंगे, इस देश में सब कुछ रहेगा. बता दें कि संत परमहंस वही हैं, जिन्होंने कुछ ही महीने पहले पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री को पत्र लिखकर अपनी ही मौत की खबर देकर सनसनी मचाई थी.
गौरतलब है कि आचार्य के इस बयान से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिंदू राष्ट्र का मुद्दा और मांग उठाते हुए कहा था कि सभी 130 करोड़ भारतीय हिंदू ही हैं क्योंकि सभी के पूर्वज समान हैं. उन्होंने कहा था, संघ जब हिंदू राष्ट्र की बात कहता है तो उसके मन में किसी सत्ता की लालसा नहीं होती. इस राष्ट्र के स्वत्व का सार हिंदुत्व है. हिंदू कहने से हम अपनी राष्ट्रीय पहचान ही ज़ाहिर करते हैं.