वॉशिंगटन। स्किन बैक्टीरिया सामान्य तौर पर स्वस्थ मानव त्वचा में पाया जाता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह त्वचा के कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया सैन डिएगो के प्रोफेसर रिचर्ड गैलो ने कहा कि हमने स्टेफेलोकोकस एपिडर्मिडिस की पहचान की है, जो स्वस्थ मानव त्वचा पर आमतौर पर मिलता है। यह कैंसर के विकास को रोकने की क्षमता रखता है।
गैलो ने कहा कि त्वचा में पाया जाने वाला यह बैक्टीरिया यह अनूठा रासायन पैदा करता है, जो कई प्रकार के कैंसर कोशिकाओं को खत्म करता है। मगर, सामान्य कोशिकाओं के लिए यह जहरीली नहीं होता है। शोधकर्ताओं की टीम ने एस एपिडार्मिडिस स्ट्रेन की खोज की है, जो रासायनिक यौगिक 6-एन-हाइड्रोक्सीमैनोप्यूरिन (6-एचएपी) का उत्पादन करता है।
उन्होंने पाया कि एस-एपीडर्मिडिस वाले जिन चूहों की त्वचा में 6-एचएपी नहीं बनाता है, उन चूहों के कैंसर पैदा करने वाली पराबैंगनी किरणों (यूवी) के संपर्क में आने के बाद कई ट्यूमर त्वचा पर निकल आए थे। मगर, एस-एपिडर्मिडिस के स्ट्रेन वाले चूहों, जिनमें 6-एचएपी उत्पादन हो रहा था, उन्में ट्यूमर नहीं था।
6-एचएपी एक मॉलीक्यूल है, जो डीएनए के निर्माण के लिए जाना जाता है। इसे डीएनए संश्लेषण कहा जाता है और परिवर्तित ट्यूमर कोशिकाओं के प्रसार के साथ-साथ यूवी की वजह से होने वाले ट्यूमर के विकास को यह खत्म करने की क्षमता रखता है।
गैलो ने कहा कि यह प्रमाण है कि त्वचा में पाए जाने वाले बैक्टीरिया मानव स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। वास्तव में हमने पहले बताया कि हमारी त्वचा पर कुछ बैक्टीरिया एंटीमाइक्रोबियल पेप्टाइड्स का उत्पादन करते हैं, जो बीमारी पैदा करने वाले रोगाणुओं जैसे स्टेफ ऑरियस से बचाव करते हैं।