नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीशों के रूप में 10 अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.
प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम ने सात अक्टूबर को हुई अपनी बैठक में यह निर्णय लिया और शुक्रवार को शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर प्रस्ताव अपलोड किया गया.
जिन अतिरिक्त न्यायाधीशों के नामों को मंजूरी दी गई है, उनमें न्यायमूर्ति सुवीर सहगल, अलका सरीन, जसगुरप्रीत सिंह पुरी, अशोक कुमार वर्मा, संत प्रकाश, मीनाक्षी मेहता, करमजीत सिंह, विवेक पुरी, अर्चना पुरी और राजेश भारद्वाज शामिल हैं.
एक अन्य निर्णय में कॉलेजियम ने छह अक्टूबर को हुई बैठक में कर्नाटक उच्च न्यायालय में चार अधिवक्ताओं को न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. स्वीकृत किये गये नामों में अनंत रामनाथ हेगड़े, सी मोनप्पा पूनाचा, सिद्धैया रचैया, और कन्ननकुझिल श्रीधरन हेमलेखा शामिल हैं.
कॉलेजियम ने अधिवक्ता जे सत्य नारायण प्रसाद को मद्रास उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में और अधिवक्ता मनु खरे को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. न्यायमूर्ति रमण के अलावा न्यायमूर्ति यू यू ललित और न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर तीन सदस्यीय कॉलेजियम का हिस्सा हैं जो उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में निर्णय लेता है.