ओस्लो. शांति के क्षेत्र में काम करने के लिए दिए जाने वाले नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को हो गई है. मारिया रेसा और दिमित्री मुराटोव को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के लिए 2021 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है. यह पुरस्कार किसी उस संगठन या व्यक्ति को दिया जाता है, जिसने राष्ट्रों के बीच भाइचारे और बंधुत्व को बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ काम किया हो.
पिछले साल यह पुरस्कार विश्व खाद्य कार्यक्रम को दिया गया था, जिसकी स्थापना 1961 में विश्व भर में भूख से निपटने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ड्वाइट आइजनहावर के निर्देश पर किया गया था. रोम से काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की इस एजेंसी को वैश्विक स्तर पर भूख से लड़ने और खाद्य सुरक्षा के प्रयासों के लिए यह पुरस्कार दिया गया. इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और एक करोड़ स्वीडिश क्रोनर दिये जाते हैं.
ब्रिटेन में रहने वाले तंजानियाई लेखक अब्दुलरजाक गुरनाह का नाम इस वर्ष के साहित्य के नोबेल पुरस्कार के विजेता के रूप में घोषित किया गया. स्वीडिश एकेडमी ने कहा कि उपनिवेशवाद के प्रभावों को बिना समझौता किये और करुणा के साथ समझने में उनके योगदान के लिए पुरस्कार प्रदान किया जा रहा है. यूनिवर्सिटी ऑफ केंट में उत्तर-उपनिवेशकाल के साहित्य के प्रोफेसर के रूप में सेवाएं देते हुए वह हाल ही में सेवानिवृत्त हुए.