नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 28वें एनएचआरसी स्थापना दिवस कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए. इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी हिस्सा लिया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने पूरी दुनिया के अहिंसा का रास्ता दिखाया. आज महात्मा गांधी के आदर्शों को पूरी दुनिया मानती है.
पीएम मोदी ने कहा, एक ऐसे समय में जब पूरी दुनिया विश्व युद्ध की हिंसा में झुलस रही थी, भारत ने पूरे विश्व को ‘अधिकार और अहिंसा’ का मार्ग सुझाया. हमारे बापू को देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व मानवाधिकारों और मानवीय मूल्यों के प्रतीक के रूप में देखता है. उन्होंने कहा, भारत के लिए मानवाधिकारों की प्रेरणा का, मानवाधिकार के मूल्यों का बहुत बड़ा स्रोत आज़ादी के लिए हमारा आंदोलन, हमारा इतिहास है. हमने सदियों तक अपने अधिकारों के लिए संघर्ष किया. एक राष्ट्र के रूप में, एक समाज के रूप में अन्याय-अत्याचार का प्रतिरोध किया
पीएम मोदी ने आगे कहा, भारत आत्मवत सर्वभूतेषु के महान आदर्शों, संस्कारों और विचारों को लेकर चलने वाला देश है. आत्मवत सर्वभूतेषु यानि जैसा मैं हूं वैसे ही सब मनुष्य हैं. मानव-मानव में, जीव-जीव में भेद नहीं है. भारत ने लगातार विश्व को समानता और मानव अधिकारों के जुड़े विषयों पर नया विजन दिया है. बीते दशकों में ऐसे कितने ही अवसर विश्व के सामने आए हैं, जब दुनिया भ्रमित हुई है, भटकी है, लेकिन भारत मानवाधिकारों के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है, संवेदनशील रहा है.
बता दें कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम 1993 के तहत 12 अक्टूबर, 1993 को हुआ था. इसका उद्देश्य मानवाधिकारों को प्रोत्साहन देना और उनका संरक्षण करना है. आयोग किसी भी प्रकार के मानवाधिकार हनन का स्वतः संज्ञान लेता है, मानवाधिकारों के हनन के मामलों में पड़ताल करता है, पीड़ितों को मुआवजा देने के लिये लोकाधिकारियों को अनुमोदन करता है और मानवाधिकारों का हनन करने वाले जनसेवकों के खिलाफ कानूनी और अन्य दण्डनीय कार्रवाई करता है.