नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ‘मेगा गतिशक्ति मास्टर प्लान’ योजना का अनावरण किया. यह प्लान मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को बेहतर करने और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट, नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगा. दरअसल समग्र योजना को संस्थागत रूप देकर विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के मुद्दे के समाधान के लिए पीएम-गतिशक्ति परियोजना की शुरुआत की गई है.
इस प्लान को देश के बुनियादी ढांचे के परिदृश्य के लिए एक अहम पहल बताते हुए पीएमओ ने मंगलवार को कहा था, “मोगा गतिशक्ति परियोजना विभागीय रुकावटों को खत्म कर देगी और मेजर इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में स्टेक होल्डर्स के लिए ओवरऑल प्लान को संस्थागत रूप देगी.
मालूम हो कि इस 107 लाख करोड़ की बड़ी परियोजना के तहत देश के देश में रेलवे और रोड इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना, स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर हवाई सफर के लिए एयरपोर्ट कनेक्टिविटी, वाटर वेज, शहरों में स्मार्ट कनेक्टिविटी, ई हाइवे जैसे परियोजनाएं शामिल हैं. इसके परियोजना में पेट्रोलियम,रेलवे, उड्डयन ,ऊर्जा, सड़क परिवहन, पोत, आईटी, टेक्सटाइल, जैसे 16 मंत्रालयों को शामिल किया गया है.
इस योजना में 2020-21 तक निर्मित सभी प्रोजेक्ट्स की डिटेल है और 16 विभागों की सभी केंद्रीय परियोजनाओं के साथ फीड किया गया है, जिनकी वर्ष 2025 तक कल्पना की गई है. मोदी ने इस साल अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में गति शक्ति योजना की घोषणा की थी. हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि सरकार जल्द ही प्रधानमंत्री का राष्ट्रीय मास्टर प्लान ‘गति शक्ति’ को शुरू करने जा रही है. समग्र और एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 100 लाख करोड़ रुपये से अधिक की यह योजना रोजगार के बड़े अवसर पैदा करेगी.