अयोध्या. अयोध्या की गोसाईगंज सीट से बीजेपी विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी को 29 साल बाद फर्जी मार्कशीट केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी करार देते हुए पांच साल की सजा सुनाई. 29 साल पहले साकेत महाविद्यालय में अंक पत्र व बैक पेपर में कूट रचित दस्तावेज के सहारे धोखाधड़ी व हेराफेरी करने के मामले में विधायक के साथ ही छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष व सपा नेता फूलचंद यादव और चाणक्य परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष कृपा निधान तिवारी को भी कोर्ट ने दोषी माना और पांच-पांच साल की सजा और 13-13 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. सजा के बाद विधायक और दो अन्य दोषियों को जेल भेज दिया गया.
पांच साल की सजा मिलते ही खब्बू तिवारी की विधानसभा सदस्यता खतरे में आ गई है. कानून के मुताबिक दो साल से अधिक की सजा पर सजा की तारीख से ही सदस्यता समाप्त किए जाने का प्रावधान है. विशेषज्ञों की मानें तो खब्बू तिवारी की विधायकी जानी तय है. हालांकि खब्बू तिवारी ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है.
ये पूरा मामला 1992 से जुड़ा है. साकेत महाविद्यालय के तत्कालीन प्राचार्य यदुवंश राम त्रिपाठी ने तीन लोगों के खिलाफ फर्जी मार्कशीट के आधार पर एडमिशन लेने का मुकदमा दर्ज करवाया था. आरोपी फूलचंद यादव ने बीएससी प्रथम वर्ष की परीक्षा 1986 में अनुत्तीर्ण रहने और बैक पेपर परीक्षा के उपरांत भी बीएससी द्वितीय वर्ष में प्रवेश लिया था. इसके लिए उन्होंने फर्जी अंक पत्र का सहारा लिया था.
इसी तरह खब्बू तिवारी बीएससी द्वितीय वर्ष परीक्षा 1990 में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद बीएससी तृतीय वर्ष और कृपा निधान तिवारी ने प्रथम वर्ष 1989 में एलएलबी प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण होने के बावजूद छल कपट कर एलएलबी द्वितीय वर्ष में प्रवेश प्राप्त कर लिया. इन तीनों के खिलाफ थाना राम जन्मभूमि में धारा 420 467 468 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था.