नई दिल्ली. आधार वेरिफिकेशन को लेकर सरकार ने एक नया नियम जारी किया है. यह नया नियम आधार के ऑफलाइन वेरिफिकेशन को लेकर है. अब लोग अपने आधार को ऑफलाइन या बिना किसी इंटरनेटर या ऑनलाइन के भी वेरिफिकेशन कर सकेंगे. इसके लिए डिजिटल तौर पर हस्ताक्षर किया गया दस्तावेज देना होगा. यह डिजिटली साइन्ड दस्तावेज आधार की सरकारी संस्था यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया की ओर से जारी होना चाहिए. इस दस्तावेज पर यूजर के आधार नंबर के अंतिम चार अक्षर दिए रहते हैं.
सरकार ने 8 नवंबर 2021 को आधार (प्रमाणीकरण और ऑफ़लाइन सत्यापन) विनियम, 2021 (विनियम) को अधिसूचित किया और 9 नवंबर 2021 को उन्हें आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया. ये नियम e-kyc के लिए आधार के ऑफ़लाइन वेरिफिकेशन की डिटेल प्रोसेस के बारे में बताते हैं. यहां केवाईसी का अर्थ ‘ग्राहक को जानिए’ से है जो पूरी तरह से इलेक्ट्रॉनिक होगा. इसलिए इसका नाम ई-केवाईसी दिया गया है.
इस नए नियम में आधार होल्डर को एक विकल्प मिलता है कि वह आधार ई-केवाईसी वेरिफिकेशन के प्रोसेस के लिए अपने आधार पेपरलेस ऑफलाइन e-KYC को किसी अधिकृत एजेंसी को दे सकता है. इसके बाद वह एजेंसी आधार होल्डर की ओर दिए गए आधार संख्या और नाम, पता आदि को सेंट्रल डेटाबेस के साथ मिलान करता है. अगर मिलान सही पाया जाता है तो वेरिफिकेशन की प्रक्रिया को आगे बढ़ा दी जाती है.
आधार पेपरलेस ऑफलाइन ई-केवाईसी का मतलब उस डिजिटली साइन्ड दस्तावेज से है जो यूआईडीएआई की ओर से जारी किया जाता है. इस दस्तावेज में आधार नंबर के अंतिम 4 अक्षर, नाम, लिंग, पता, जन्मतिथि और फोटो की जानकारी होती है. सरकार की ओर से जारी नया नियम आधार होल्डर को यह अधिकार देता है कि वह वेरिफिकेशन एजेंसी को इस बात के लिए मना कर सकता है कि उसका कोई भी ई-केवाईसी डेटा स्टोर न किया जाए. जब वेरिफिकेशन करनी हो तभी ई-केवाईसी डेटा का इस्तेमाल होगा, वरना एजेंसी आधार होल्डर की कोई जानकारी अपने पास नहीं रखेगी. यूजर के कहने पर आधार वेरिफिकेशन एजेंसी को सभी डेटा हटाने होंगे और इसके बारे में यूजर को एकनॉलेजमेंट देना होगा.