एडिलेड. पृथ्वी पर एलियन के हमले की कई फिल्में बन चुकी हैं. अब यह काल्पनिक कहानी जल्द वास्तविकता में बदल सकती है. जैव सुरक्षा उपायों के कमी के कारण वैज्ञानिकों ने एक अध्यय में चेतावनी दी है. एडिलेड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार स्पेस इंडस्ट्री को भविष्य में जैव सुरक्षा खतरों से जोखिम होने की संभावना है. यह धरती के जीवित जीवों के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
यह अध्ययन अंतरराष्ट्रीय जर्नल, बायोसाइंस में प्रकाशित हुआ है. जिसमें शोधकर्ताओं ने जैव सुरक्षा उपायों के महत्व पर प्रकाश डाला है. वह अंतरिक्ष उद्योग के संभावित सुरक्षा जोखिमों की पहचान पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि अच्छे जैव सुरक्षा उपायों से अंतरिक्ष में रहने वाले जीवों को पृथ्वी पर भी लाया जा सकता है.
क्या है अंतरिक्ष जैव सुरक्षा?
अंतरिक्ष जैव सुरक्षा का तात्पर्य पृथ्वी पर लोगों के सामने आने वाले जैविक खतरों से हैं. एडिलेट विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर कैसी ने कगा कि जोखिम कम होने की संभावना है, लेकिन अत्यधिक परिणामों की संभावना जैव सुरक्षा प्रबंधन के केंद्र में है. स्टडी में, शोधकर्ताओं ने मनुष्यों द्वारा पृथ्वी और समुद्र के सबसे दूरस्थ क्षेत्रों और अंतरिक्ष में जीवों के प्रसार का प्रमाण प्रदान किया.
अध्ययन में लेखकों ने सुझाव दिया कि एलियन्स का पता लगाने के लिए उचित प्रोटोकॉल, तेजी से प्रतिक्रिया के लिए तंत्र और जीवों के प्रसार को रोकने के लिए रोकथाम प्रक्रियाएं जैविक आक्रमण से खतरों को कम करने में मदद कर सकती हैं. डॉ कैसी ने कहा कि मंगल ग्रह की तुलना में पृथ्वी पर प्रोटोकॉल लागू करके जैविक प्रदूषण को रोकने के लिए यह बहुत सस्ता है.
रिसर्च टीम के सह-लेखक डॉ एंड्रयू वूलनफ ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, जिसके पास दुनिया में कुछ बेहतरीन जैव सुरक्षा है. वह आक्रमण विज्ञान के क्षेत्र में विशेषज्ञता का योगदान दे सकता है. विज्ञानिकों ने कहा कि आक्रमण जीवविज्ञानी फिलहाल अंतरिक्ष अनुसंधान ग्रह संरक्षण में शामिल नहीं हुए है. खगोलविज्ञानी, अंतरिक्ष जीवविज्ञानी और नीति निर्माताओं के बीच एक बड़ा सहयोग पृथ्वी के लिए सुरक्षा बढ़ा सकता है.