नई दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में मंगलवार को प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में टीएमसी से डोला सेन भी शामिल हुईं. राहुल ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं. ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का.
विपक्षी सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं. जिन मुद्दों पर सदन में विपक्ष बहस करना चाहती है, उन पर हमें बहस नहीं करने दी जाती. जो विपक्षी सदस्य आवाज़ उठाने की कोशिश करता है, उन्हें निलंबित कर दिया जाता है. ये लोकतंत्र की हत्या है.
लखीमपुर खीरी मामले पर राहुल ने कहा, हमने पहले ही कहा था कि एक मंत्री ने किसानों को मारने का काम किया था. पीएम जानते हैं, उनके मंत्रिमंडल में हैं. सबको सच्चाई पता है. इससे पहले राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं ने 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग करते हुए संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला.
मार्च में शामिल होने से पहले एक ट्वीट में राहुल गांधी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार को लोकतंत्र में चर्चा और असहमति के संदर्भ में ट्यूशन लेने की जरूरत है. मॉनसून सत्र में ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए पिछले 29 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के 12 सदस्यों को इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था. निलंबन के बाद से ये सांसद संसद की कार्यवाही के दौरान प्रतिदिन सुबह से शाम तक संसद परिसर में धरना दे रहे हैं.