नई दिल्ली. देश की खाद्य वस्तुओं के दाम बढऩे से खुदरा महंगाई दर दिसंबर के महीने में पांच महीने के उच्चतम स्तर 5.59 फीसदी पर पहुंच गई. पिछले महीने अर्थात नवम्बर में यह 4.91 फीसदी थी. इसके अलावा, भारत के कारखानों के उत्पादन में भी 1.4 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय (एनएसओ) ने बुधवार को ये अलग-अलग आंकड़े प्रस्तुत किए.
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति नवंबर, 2021 में 4.91 प्रतिशत और दिसंबर, 2020 में 4.59 प्रतिशत थी. राष्ट्रीय सांख्यकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 4.05 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 1.87 प्रतिशत थी.
रिजर्व बैंक द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर गौर करता है. केंद्रीय बैंक का मानना है कि आधार प्रभाव प्रतिकूल होने की वजह से वित्त वर्ष की बची अवधि में मुद्रास्फीति का आंकड़ा ऊंचा रहेगा. रिजर्व बैंक के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सकल मुद्रास्फीति अपने उच्चस्तर पर होगी. उसके बाद से यह नीचे आएगी.