लखनऊ. समाजवादी पार्टी ने ऐलान किया है कि अध्यक्ष अखिलेश यादव मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे. अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने बताया था कि अखिलेश मैनपुरी की करहल सीट से पार्टी के उम्मीदवार होंगे. अखिलेश इस समय आजमगढ़ से सांसद हैं. इससे पहले उनके अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र की ही किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं.
करहल विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी का सात बार कब्जा रहा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की लहर के बावजूद सपा उम्मीदवार सोबरन यादव को एक लाख से ज्यादा वोट मिले थे और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी प्रेम शाक्य को 38 हजार से ज्यादा मतों से हराया था. करीब 20 साल पहले 2002 में आखिरी बार भाजपा इस सीट से जीती थी. उस वक्त सोबरन यादव भाजपा के उम्मीदवार थे.
अखिलेश के पिता सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव फिलहाल मैनपुरी से सांसद हैं. वह पांचवीं बार यहां से सांसद चुने गए हैं. मैनपुरी सीट से पिछली नौ बार से सपा का ही सांसद चुना जाता रहा है. मुलायम का करहल से गहरा नाता है. उन्होंने यहीं के जैन इंटर कॉलेज से शिक्षा ग्रहण की थी और वह यहां शिक्षक भी रहे.
करहल सीट पर यादव मतदाताओं का दबदबा है. यहां इस बिरादरी की आबादी 28 प्रतिशत है. इसके अलावा इस क्षेत्र में अनुसूचित जाति की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत, ठाकुर की 13 प्रतिशत, ब्राह्मण की 12 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता 5 प्रतिशत हैं. बीजेपी ने अखिलेश की करहल सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा पर कहा कि सपा अध्यक्ष अगर करहल को अपने लिए सुरक्षित सीट मानते हैं तो आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी यह गलतफहमी दूर हो जाएगी.
इसी के साथ पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है. उन्होंने शनिवार को कहा कि चुनाव के मद्देनजर जनता के लिए कुछ फैसले लिए गए हैं. जिसमें 300 यूनिट मुफ़्त बिजली, किसान के खेतों की सिंचाई के लिए मुफ्त बिजली दी है. हमारी पार्टी 22 लाख नौजवानों को रोजगार भी देगी. इससे पहले जब समाजवादी पार्टी ने बच्चों को लैपटॉप दिए थे.