नई दिल्ली. जानेमाने पुरातत्वविद्, कला इतिहासकार और पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित आर नागास्वामी का रविवार को चेन्नई में निधन हो गया. वो 91 साल के थे. वो तमिलनाडु के पुरातत्व विभाग के पहले निदेशक थे. नागास्वामी के दामाद भास्कर कैलासम ने बताया कि नागास्वामी के परिवार में दो बेटियां और दो बेटे हैं. उनकी पत्नी का पहले ही निधन हो चुका था. उन्होंने बताया कि उनका निधन चेन्नई स्थित आवास पर दोपहर करीब ढाई बजे हुआ. नागास्वामी प्रसिद्ध पाथुर नटराज मामले में लंदन की एक अदालत में एक विशेषज्ञ गवाह थे और उन्होंने चोल-युग के कांस्य नटराज को तमिलनाडु वापस लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
आर नागास्वामी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ियां तमिलनाडु की जीवंत संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में उनके योगदान को कभी नहीं भूलेंगी. प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा कि आने वाली पीढ़ियां तमिलनाडु की जीवंत संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में थिरु आर नागास्वामी के योगदान को कभी नहीं भूलेंगी. इतिहास, पुरालेख और पुरातत्व के प्रति उनका जुनून उल्लेखनीय था. उनके निधन से दुखी हूं. उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना. ओम शांति.
केरल पुरातत्व विभाग और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पूर्व निदेशक टी सत्यमूर्ति ने कहा कि नागास्वामी का निधन पुरातत्व के क्षेत्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है. वो तमिल और संस्कृत के एक महान विद्वान थे, उन्होंने प्राचीन तमिल कला पर कई शोध पत्र प्रकाशित किए थे. एक पुरातत्वविद् के रूप में उन्होंने प्राचीन पांडियन बंदरगाह कोरकई सहित तमिलनाडु में कई स्थलों की खुदाई की थी. तमिलनाडु सरकार के पुरातत्व विभाग के गठन के बाद नागास्वामी 1966 में इसके पहले निदेशक बने. वो 1988 में सेवानिवृत्त हुए. पुरातत्व के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें 2018 में प्रतिष्ठित पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था.