जम्मू कश्मीर. जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार चुनाव की तारीखों की घोषणा परिसीमन आयोग की कवायद पूरी होने के बाद की जा सकती है. आयोग का कार्यकाल 6 मार्च 2022 को समाप्त होगा. नतीजतन, चुनाव में 3 महीने तक लग सकते हैं. इस साल अमरनाथ यात्रा समाप्त होने के बाद चुनाव हो सकते हैं. इस चुनाव से पहले राजनीतिक परिदृश्य बदल सकता है.
कारण यह है कि सीमांकन आयोग ने अंतरिम मसौदा तैयार कर आपत्तियां मांगी है. ड्राफ्ट में संशोधन के बाद अंतरिम रिपोर्ट जारी की जाएगी. इस मसौदे के जरिए सत्ता संतुलन के लिए जम्मू क्षेत्र में शिफ्ट होने की तैयारी है. जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद, विधानसभा सीटों की संख्या 83 से बढ़ाकर 90 करने का प्रस्ताव है. इनमें से 43 जम्मू-कश्मीर को 47 सीटें देने को तैयार हैं.
आयोग ने जम्मू में 6 और कश्मीर में 1 अतिरिक्त सीटें बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. इनमें से 16 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए हो सकती हैं. प्रस्ताव को लेकर सभी पक्षों में तनातनी है.
कांग्रेस ने कहा है कि भाजपा कार्यालय में सीमांकन तैयार कर लिया गया है. दूसरी ओर, अन्य स्थानीय दल भी भाजपा को चुनौती देने के लिए संयुक्त उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं. इस बीच नेशनल कांफ्रेंस की ओर से सीमांकन आयोग पर सवाल उठाए गए. जबकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने आरोप लगाया कि मसौदा भाजपा कार्यालय में बैठकर तैयार किया गया था. हालांकि, भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों की ओर से उठाई गई आपत्तियों को संज्ञान में लिया गया है.