बेंगलुरू. ‘मेक इन इंडिया‘ पहल को ध्यान में रखते हुए हैदराबाद की एक कंपनी देश के सीमा सुरक्षा बलों के लिए अनुकूल निगरानी उपकरणों पर शोध, डिजाइन, विकास और निर्माण कर रही है. ‘एचसी रोबोटिक्स’ नाम की इस फर्म को संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोप के कई रिसर्च सेंटरों का समर्थन हासिल है. यह मानव रहित हवाई वाहन, ईओआईआर कैमरा और एआई-आधारित इमेज प्रोसेसिंग समाधानों को बनाने में माहिर है. इस कंपनी की स्थापना 2018 में हुई थी, जिसमें डॉक्टर और आईआईटी के कई इंजीनियर शामिल हैं.
एचसी रोबोटिक्स के प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ दिलीप ने एएनआई को बताया कि हम ड्रोन, कैमरा और टीएसी टावरों का निर्माण करते हैं और निगरानी उद्देश्यों के लिए भारतीय सीमाओं पर इनकी आपूर्ति करते हैं. कंपनी द्वारा ड्रोन की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास 5 किलो पेलोड के साथ 40 मिनट की क्षमता है, जो कम विलंबता के साथ बेस कैंप को लाइव फीड प्रदान करते हैं. उन्होंने बताया कि यह उन्नत रोकथाम और बाधा निवारण सुविधाओं से लैस हैं जो सबसे सुरक्षित संभावित उड़ानें भरते हैं. उन्होंने कहा कि ये ड्रोन हवाई निगरानी, सैन्य खुफिया जानकारी जुटाने, खोज एवं बचाव (एसएआर) अभियान चलाने में मददगार हो सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि एचसी रोबोटिक्स को विशेष रूप से राचकोंडा पुलिस कमिश्नरेट से कोविड-19 की पहली लहर के दौरान उनकी ड्रोन सेवाओं के लिए ‘गुड सेमेरिटन’ पुरस्कार भी मिला है
उन्होंने कहा, हम 4K रिजॉल्यूशन वाले कैमरे भी बनाते हैं, जिनमें खुद ही गिंबल होता है. हमारे पास एक अन्य उत्पाद टीएसी टॉवर है जो 40 फीट लंबी कार्बन फाइबर ट्यूब है जो 40 फीट (जमीन के ऊपर) की ऊंचाई से लगभग 5 किमी के दायरे की निगरानी करता है. इस फर्म की आईआईटी हैदराबाद, आईआईआईटी-डीएम कुरनूल, Gyro स्थिर जिम्बल कैमरा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अन्य उन्नत प्रौद्योगिकियों के साथ भागीदारी है. यह फर्म सस्ती कीमत पर बेहतरीन, नए और टैक्नोलॉजी आधारित समाधान देने के लिए प्रतिबद्ध है. बता दें कि एचसी रोबोटिक्स नवंबर 2018 में स्थापित हुई है, जो 60 से अधिक सदस्यों की एक टीम है. इसमें एक रिसर्च टीम भी शामिल है, जिसमें डॉक्टर, आईआईटी के इंजीनियर और भारत-अमेरिका के अन्य प्रीमियम संस्थानों के दिग्गज शामिल हैं.