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यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के अंग्रेजी का पर्चा लीक- 24 जिलों में परीक्षा हुई रद्द, गिरफ्तारी और कारवाई जारी

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उत्तर प्रदेश बोर्ड के इंटरमीडिएट का पेपर लीक

24 जिलों में परीक्षा रद्द कर दी गई

परीक्षा अब 13 अप्रैल को आयोजित की जाएगी

पेपर लीक मामले की जांच एसटीएफ करेगी।

दोषियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई

लखनऊ। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जहां एक तरफ समस्त परीक्षाओं को नकलविहीन और पूर्ण पारदर्शिता के साथ कराने के लिए प्रतिबद्ध हैं तो वहीं उनकी तमाम कोशिशों के बावजूद भी पिछले कई दशकों से बरगद की तरह जम चुके नकल कराने और पर्चा लीक कराने से लेकर मुन्ना भाइयों की उपलब्धता कराने वाले माफियाओं पर अभी पूरी तरह से शिकंजा नही लग सका है। जिसकी बानगी है कि आज यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट परीक्षा का अंग्रेजी का पर्चा लीक होने के चलते प्रदेश के तकरीबन दो दर्जन जिलों में परीक्षा रद्द करनी पड़ी जिससे उन जिलों के तमाम छात्रों को बेहद तकलीफ और दिक्कत होना स्वाभाविक है।

ताजा मिली जानकारी के अनुसार रद्द हुई अंग्रेजी की परीक्षा अब 13 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। प्रशासन ने शासनादेश जारी करते हुए यह जाकारी दी है। छात्रों को अब बुधवार 13 अप्रैल को री-एग्जम के लिए उपस्थित होना होगा। परीक्षा 24 जिलों में सुबह 8:00 बजे से 11:15 बजे तक की शिफ्ट में आयोजित होगी। बता दें कि यह परीक्षा आज (बुधवार) दोपहर दो बजे आयोजित होने वाली थी। जबकि वहीं बाकी 51 जिलों में परीक्षा सुचारू रूप से जारी है।

हालांकि मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में लेते हुए न सिर्फ सख्त कारवाई के संकेत दिए बल्कि इस मामले में आनन-फानन में निलम्बन और गिरफ्तारियों का सिलसिला तेजी से जारी है। वहीं इस मामले को लेकर तमाम विपक्षी नेताओं ने एक बार फिर सरकार को घेरते हुए व्यवस्था पर सवालिया निशान लगाए हैं भले ही वो तमाम नेता खुद ही नकल माफियाओं के इस काकस को कभी तोड़ नही पाए हैं बल्कि तमाम नकल माफिया उनकी ही सरकारों के दौरान कुछ फले-फूले और बरगद बन पाए हैं। लेकिन क्योंकि मौका पाएं है तो उसको भला कैसे हाथ से जाने दें।

मिली जानकारी के मुताबिक आज प्रदेश यूपी बोर्ड की 12वीं का अंग्रेजी का पेपर लीक हो गया है। इसके बाद 24 जिलों में परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया है। यह परीक्षा आज दोपहर दो बजे आयोजित होने वाली थी। । रद्द हुई अंग्रेजी की परीक्षा अब 13 अप्रैल को आयोजित की जाएगी। प्रशासन ने शासनादेश जारी करते हुए यह जाकारी दी है। बलिया के जिला विद्यालय निरीक्षक ब्रजेश कुमार मिश्रा को निलंबित किया गया। विभाग की मंत्री गुलाब देवी के निर्देश पर पेपर लीक प्रकरण में डीआईओएस को निलंबित किया गया है।

वहीं इस संबंध में शिक्षा निदेशक एवं सभापति माध्यमिक शिक्षा परिषद के विनय कुमार पाण्डेय ने आदेश जारी कर परीक्षा के निरस्त होने की जानकारी दी है। आदेश में यह भी साफ बताया गया है कि इन 24 जनपदों को छोड़कर बाकी जगह पर परीक्षा यथावत आयोजित की जाएगी। बोर्ड ने जो निर्देश जारी किए हैं उसमें पेपर के जनपद बलिया से लीक होने की आशंका व्यक्त की गई है। जो पेपर लीक हुआ है उनकी पहचान 316 ई डी और 316 ई आई के सीरीज के रूप में की गई है।

जानकारी के अनुसार जिन जिलों में परीक्षा रद्द की गई है, उनमें बलिया, एटा, बागपत, बदायूं, सीतापुर, कानपुर देहात, ललितपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़,  गोंडा,  आजमगढ़,  आगरा, वाराणसी, मैनपुरी, मथुरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, शामली, शाहजहांपुर, उन्नाव, जालौन, महोबा, आंबेडकरनगर और गोरखपुर शामिल हैं। शेष अन्य 51 जिलों में परीक्षा निर्धारित समय पर आयोजित होगी। बदायूं में परीक्षा रद्द कर दी गई, परीक्षा रद्द होने का निर्देश दोपहर डेढ़ बजे उस वक्त आया जब निरीक्षक कक्षा में पहुंच चुके थे और परीक्षार्थी गेट पर आ गए थे।  

वहीं बताया जाता है कि पेपर लीक कांड की जांच एसटीएफ द्वारा की जाएगी। इसके साथ ही दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल नकल माफियाओं की तलाश में टीमें जोर-शोर से जुटी हुई हैं। हालांकि पुलिस को खास सफलता नहीं मिली है, लेकिन कई लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। इधर, बलिया जिला प्रशासन ने हाईस्कूल संस्कृत का पेपर आउट होने से इनकार किया है।

गौरतलब है कि जहां अभी हाल ही में चुनाव के ठीक पहले ही टीईटी परीक्षा का पेपर लीक हुआ था जिस पर काफी हो हल्ला मचा था इतना ही नही समूचे विपक्षी नेताओं ने इस पर काफी बवाल और सवाल करने के साथ ही इसे चुनाव के दौरान मुद्दा भी बनाने की कोशिश की थी। वहीं अब चुनाव के बाद बोर्ड परीक्षा के पेपर लीक की घटना ने फिर से प्रशासन पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं।

इक तरह से इसको सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने वाली कहावत के तौर पर लिया जा सकता है। लेकिन इतना तो तय है कि इस मामले के आरोपी बख्शे नही जायेंगे और संभवतः उनका हाल देख बाकी के बचे शायद ही आगे इस तरह के काम को अंजाम देने की जुर्रत कर पायेंगे। क्योंकि ये योगी 2.0 सरकार है जिसमें पिछली बार से ज्यादा सख्ती होगी।    

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