लखनऊ. उत्तर प्रदेश की सीमा से लगे कुछ राज्यों में बीते कुछ दिनों से कोविड के केस में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. वहीं एनसीआर के जिलों में भी इसका असर है. गौतमबुद्ध नगर में 70 और गाजियाबाद में 11 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हुई है. वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिगत पूरे एनसीआर को अलर्ट मोड में रखा जाए. इसी कड़ी में शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने टीम-9 के अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं. सीएम योगी ने कहा कि गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में कोविड पॉजिटिव पाए गए मरीजों के सैंपल लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग कराई जाए. इन जिलों के डीएम, सीएमओ से संवाद कर स्थिति की गहन समीक्षा की जाए.
सीएम ने कहा कि 12 से 14 और 15 से 17 आयु वर्ग के टीकाकरण की प्रगति संतोषप्रद है. इसे और तेज किया जाए. प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि एक भी नागरिक टीकाकवरसे वंचित न रहे. उन्होंने कहा कि हमें पूरी सावधानी और सतर्कता बरतनी होगी. बता दें कि प्रदेश में वर्तमान में कुल एक्टिव केस की संख्या 507 है. विगत 24 घंटों में 73 हजार 881 कोरोना टेस्ट किए गए, जिसमें 106 नए कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई. इसी अवधि में 37 लोग उपचारित होकर कोरोना मुक्त भी हुए.
गौतम बुद्ध नगर में बीते 24 घंटे में कोरोना के 44 नए मामले सामने आए और एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 121 हो गई है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बीते 24 घंटे में 18 वर्ष से कम उम्र के 15 बच्चों की कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है और जिले में कुल संक्रमित बच्चों की संख्या बढ़ कर 38 पहुंच गई है. कोरोना के बढ़ते मामलों पर गौतमबुद्धनगर के सीएमओ डॉ सुनील कुमार शर्मा ने बताया की जिले में 18 साल से कम उम्र के 15 बच्चे को कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं लेकिन इन बच्चों के आंकड़े किसी भी स्कूल के जरिए नहीं दिए गए हैं.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने स्कूलों को एडवाइजरी जारी की है. स्वास्थ्य विभाग ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा के स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी बच्चे को खांसी, जुकाम, बुखार या फिर डायरिया जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत सूचित किया जाए जिससे उनका कोरोना का टेस्ट कर जल्द से जल्द इलाज किया जाए. साथ ही मेडिक ऑफिसर ने हेल्पलाइन नंबर 1800492211 के साथ ही इमेल cmogbnr@gmail.com और ncmogbnr@gmail.com जारी किया है. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार एक बार फिर तेजी से बढ़ते मामलों पर नियंत्रण करने की कोशिश की जा रही है. इसको लेकर सभी दिशा निर्देश स्कूलों को भी जारी कर दिए गए हैं.