आगरा. महंत परमहंस दास ताजमहल देखने पहुंचे, लेकिन उन्हें एंट्री नहीं दी गई. परमहंस दास ने ताजमहल का टिकट खरीदा और जैसे ही एंट्री गेट पर पहुंचे वैसे ही वहां तैनात सीआईएसएफ के जवानों ने उनको अंदर जाने से रोक दिया. सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें ब्रह्मदंड के साथ अंदर जाने से मना किया और कहा कि वे बिना ब्रह्मदंड के अंदर जा सकते हैं. वापसी में उन्हें ब्रह्मदंड सौंप दिया जाएगा. लेकिन परमहंस दास ब्रह्मदंड के साथ ही अंदर प्रवेश करना चाहते थे.
जिसके बाद परमहंस दास ने बताया कि जब वह एंट्री कर रहे थे तब वहां पर मौजूद स्टाफ ने उनको रोक दिया और कहा कि आप भगवा कपड़े पहने हैं, इसलिए आपकी एंट्री नहीं होगी. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि विशेष मजहब के लोगों को यहां ज्यादा महत्व दिया जाता है. परमहंस दास ने बताया कि ताजमहल का इतिहास गलत पढ़ाया जा रहा है और यह ताजमहल नहीं बल्कि भगवान शिव का मंदिर है और इसको तेजो महालय कहा जाता है
उधर इस मामले में एएसआई के अधीक्षण पुरातत्वविद राजकुमार पटेल ने बताया कि ताजमहल में प्रवेश के लिए नियम तय हैं. संत अपने साथ अंदर लोहे का दंड ले जाना चाहते थे, जिसके लिए उन्हें मना किया गया. उनके प्रवेश पर कोई रोक नहीं थी. उनसे ब्रह्मदंड गेट पर रखने का आग्रह किया गया था, लेकिन वह तैयार नहीं हुए. बता दें कि ताजमहल के अंदर किसी भी तरह की धार्मिक गतिविधियां प्रतिबंधित हैं. सिर्फ शुक्रवार के दिन ताजमहल के अंदर स्थित मस्जिद में नमाज पढ़ी जाती है.