नई दिल्ली. सीबीआई ने एनएसई को-लोकेशन घोटाले मामले में शनिवार को बड़ी कार्रवाई की. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एजेंसी के अधिकारी मुंबई, गांधीनगर, दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और कोलकाता समेत 10 से अधिक स्थानों में तलाशी ले रहे है. सभी ठिकाने मामले में संबंधित दलालों के हैं. एक अधिकारी ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की पूर्व सीईओ और एमडी चित्रा रामकृष्ण और समूह संचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया है.
उन्होंने कहा, जांच से अब तक पता चला है कि 2010 से 2015 तक रामकृष्ण एनएसई के मामलों का प्रबंधन कर रहे थे. ओपीजी सिक्योरिटीज प्राथमिकी के आरोपियों में से एक फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस में 670 कारोबारी दिनों में सेकेंडरी पीओपी सर्वर से जुड़ा था. सीबीआई ने एनएसई के अधिकारियों द्वारा कुछ दलालों को तरजीह देने और रामकृष्ण व सुब्रमण्यम के कार्यकाल के दौरान इससे हुए अनुचित लाभ के आरोपों की जांच को खुला रखा है.
अधिकारियों ने कहा कि रामकृष्ण ने 2013 में पूर्व सीईओ रवि नारायण की जगह ली थी. उन्होंने सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था. जिन्हें वार्षिक 4.21 करोड़ रुपए के वेतन पर ग्रुप संचालन अधिकारी के रूप में पदोन्नत किया गया था. सुब्रमण्यम की विवादास्पद नियुक्ति और बाद में प्रमोशन, महत्वपूर्ण निर्णयों के अलावा, एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा निर्देशित किया गया था.
एनएसई सर्वर का किया गलत इस्तेमाल
अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई ने 2018 में दिल्ली स्थित ओपीजी सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के मालिक और प्रमोटर, स्टॉक ब्रोकर संजय गुप्ता को स्टॉक मार्केट ट्रेडिंग सिस्टम तक जल्दी पहुंच प्राप्त करने के आरोप में बुक किया था. यह भी आरोप लगाया गया था कि निजी कंपनी के मालिक और प्रमोटर ने एनएसई के अज्ञात अधिकारियों के साथ साजिश में एनएसई के सर्वर आर्किटेक्चर का दुरुपयोग किया.