लखनऊ. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को वीर सावरकर के विचारों का जिक्र करते हुए समान नागरिक संहिता की वकालत की। सीएम ने कहा कि हर नागरिक को अल्पसंख्यक-बहुसंख्यक की दृष्टि से देखने की जगह नागरिक के तौर पर देखा जाना चाहिए। हमने यूपी में हाल ही में यह लागू किया है कि सड़क पर न पूजा होगी और न नमाज। सड़कें केवल आवागमन के लिए हैं। धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटने से तमाम लोगों ने राहत की सांस ली है।
मुख्यमंत्री शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में वीर सावरकर जो भारत का विभाजन रोक सकते थे और उनकी राष्ट्रीय सुरक्षा दृष्टि, पुस्तक के विमोचन के अवसर पर बोल रहे थे। सीएम ने कहा कि शांतिपूर्वक लाउडस्पीकर हटाने के लिए प्रदेश की जनता और धर्मगुरुओं का अभिनंदन करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का विचार आज ज्यादा सार्थक और प्रासंगिक है। वो लोग कहते थे कि कश्मीर से धारा 370 समाप्त नहीं हो सकती, आज हो गया। सावरकर का जीवन देश को एक दिव्य दृष्टि देकर गया है। अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण आजादी के तत्काल बाद होना चाहिए था लेकिन वो आज हो रहा है।
जनता ने कांग्रेस को उसके किए का प्रतिफल भी दिया
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने वीर सावरकर, सुभाष चंद्र बोस, डा. अंबेडकर सहित तमाम राष्ट्रनायकों को अपमानित किया। सावरकर का राष्ट्रवाद को लेकर विचार स्पष्ट था, कांग्रेस भला उसे कैसे स्वीकार कर पाती। सावरकर का विचार प्रभावी होता तो देश का दुर्भाग्यपूर्ण विभाजन नहीं होता। जनता ने कांग्रेस को उसके किए का प्रतिफल भी दिया है। उन्होंने कहा कि सावरकर 20वीं सदी के महानायक थे। उनके जैसा क्रांतिकारी, लेखक, कवि कोई नहीं था। वो इकलौते व्यक्ति थे, जिन्होंने एक ही जन्म में दो-दो आजीवन कारावास झेले। मगर आजादी के बाद भी उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि सावरकर की प्रसिद्धि को छुपाने का काम पहले अंग्रेजों और फिर तत्कालीन सत्तानायकों ने किया। अटल सरकार ने जब पोर्ट ब्लेयर की सेलुलर जेल में सावरकर के नाम की एक स्मृतिका लगाई थी। उसे कांग्रेस सरकार ने हटवाकर उन्हें अपमानित करने का काम किया।