लखनऊ. यूपी की दो लोकसभा सीटों रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव में समाजवादी पार्टी को तगड़ा झटका लगा है. दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने कमल खिलाया है. सपा के मजबूत गढ़ कहे जाने वाले रामपुर में घनश्याम लोधी ने आसिम रजा को 42 हजार से अधिक मतों से हराया, वहीं आजमगढ़ में भोजपुरी सुपरस्टार दिनेश लाल निरहुआ ने सपा प्रत्याशी और अखिलेश यादव के भाई धर्मेंद्र यादव को 10 हजार से अधिक मतों से शिकस्त दी.
उल्लेखनीय है कि दोनों ही सीटों पर 23 जून को मतदान हुआ था. 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों ही सीटों पर समाजवादी पार्टी ने कब्ज़ा जमाया था. इस हार के बाद लोकसभा में समाजवादी पार्टी की संख्या पांच से घटकर तीन रह गई. मतदान में कम वोटिंग प्रतिशत ने सभी दलों की चिंता बढ़ा दी थी. रामपुर में 41.39 फीसदी तो आजमगढ़ में 49.43 फीसदी मतदान हुआ था. रामपुर से 6 तो आजमगढ़ से 13 प्रत्याशी मैदान में थे. हालांकि असल मुकाबला समाजवादी पार्टी और बीजेपी के बीच ही रहा. बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में दोनों ही सीटों पर सपा का कब्ज़ा रहा था
आजमगढ़ से सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव तो रामपुर से आजम खान की जीत हुई थी. लेकिन 2022 के विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के बाद दोनों ही नेताओं ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिसकी वजह से उपचुनाव हुआ. रामपुर में सपा की तरफ से आसिम राजा और बीजेपी के घनश्याम लोधी मैदान में थे, जबकि बसपा ने यहां से उम्मीदवार नहीं उतरा. आजमगढ़ में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला. सपा ने धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा, जबकि बीजेपी की तरफ से दिनेश लाल यादव निरहुआ ताल ठोकते नजर आए. बसपा ने शाह आलम उफऱ् गुड्डू जमाली को मैदान में उतारा. चुनाव प्रचार के दौरान जहां एक ओर अखिलेश यादव नजर नहीं आए वहीं बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोनों ही सीटों पर प्रचार करने पहुंचे और बीजेपी उम्मीदवार के लिए वोट मांगे.