इम्फाल. मणिपुर के नोनी जिले में जिरीबाम-इम्फाल रेलवे लाइन के पास भारी भूस्खलन होने से सेना का टेरिटोरियल कैंप इसकी चपेट में आकर दब गया. इस हादसे में अब तक कम से कम 7 लोगों की मौत हो गई और 45 से अधिक लोग लापता हो गए. बचाव अभियान जारी है.
वहीं जानकारी के अनुसार अब तक 19 लोगों को बचा लिया गया है. घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है. गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को निकालने का काम जारी है. मृतकों की पहचान भारतीय सेना की 107 प्रादेशिक सेना के कर्मियों के रूप में की गई. ये लोग मणिपुर के नोनी जिले में तुपुल रेलवे स्टेशन के पास जिरीबाम से इंफाल तक एक निर्माणाधीन रेलवे लाइन की सुरक्षा के लिए तैनात थे.
नॉर्दर्न फ्रंटियर रेलवे के सीपीआरओ ने हादसे को लेकर बयान जारी कर कहा है कि लगातार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन से जिरीबाम-इम्फाल नई लाइन परियोजना के तुपुल स्टेशन की इमारत को नुकसान पहुंचा है. भूस्खलन से ट्रैक निर्माण और मजदूरों के कैंप को भी नुकसान पहुंचा है. फिलहाल बचाव कार्य जारी है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बड़े पैमाने पर भूस्खलन ने इजाई नदी को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है. इस बीच, पीआईबी रक्षा विंग ने एक बयान में कहा कि भारतीय सेना और असम राइफल्स के जवानों द्वारा बड़े पैमाने पर बचाव अभियान जारी है. साइट पर मौजूद इंजीनियर संयंत्र उपकरणों को बचाव प्रयासों में लगाया गया है.
सुबह साढ़े पांच बजे तक 13 लोगों को बचा लिया गया. घायलों का इलाज नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट में किया जा रहा है. भूस्खलन के कारण इजाई नदी का बहाव प्रभावित हुआ है. ताजा भूस्खलन और खराब मौसम से बचाव कार्यों में बाधा आ रही है. हालांकि लापता लोगों को बचाने के लिए ठोस प्रयास किया जा रहा है. सेना के हेलीकॉप्टर बचाव के लिए तैयार हैं. ये सब मौसम साफ होने का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों से मणिपुर में भारी बारिश हो रही है.