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द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी बोलने पर संसद में हंगामा, अधीर रंजन ने अब मांगी माफी, बोले- गलती से निकला

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नई दिल्ली. कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किए जाने वाले बयान पर विवाद खड़ा हो गया है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने करारा हमला किया है. इस बीच राष्ट्रपति पर को लेकर की गई टिप्पणी पर अधीर रंजन ने सफाई पेश की है. उन्होंने कहा है, ‘दो दिन से जब हम विजय चौक के तरफ जा रहे थे. हमसे पूछा जा रहा था कि आप कहा जा रहे हैं. हम उनसे कह रहे थे कि हम राष्ट्रपति भवन जाना चाहते हैं और राष्ट्रपति से मिलना चाहते हैं. कल मुझसे गलती से ये (राष्ट्रपत्नी) शब्द निकला था. मैं जानता हूं कि भारत की राष्ट्रपति चाहे कोई भी हो वे हमारे लिए राष्ट्रपति ही हैं. ये शब्द बस एक बार निकला है. ये चूक हुई है. लेकिन सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग राई का पहाड़ बना रहे हैं. एक बार निकल गया तो अब क्या करें? मुझे फांसी पर लटका दो. बीजेपी पर मुझे कुछ नहीं कहना.’

इस बीच केंद्रीय मंत्री व बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अधीर रंजन चौधरी को आड़े हाथ लिया है. उन्होंने कहा, ‘द्रौपदी मुर्मू जी की जब से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में घोषणा हुई है, तबसे लेकर द्रौपदी मुर्मू कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का केंद्र बनी हुई हैं. उम्मीदवार के रूप में कांग्रेस पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू जी को कठपुतली कहा, अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा.’

उन्होंने कहा, ‘एक ऐतिहासिक चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस आज भी इस बात को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि एक आदिवासी गरीब महिला देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही है. सोनिया गांधी जी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन जी ने द्रौपदी मुर्मू जी को राष्ट्र की पत्नी के रुप में संबोधित किया. ये जानते हुए भी कि ये संबोधन भारत के हर मूल्य, हर संस्कार के विरुद्ध है. ये संबोधन उस सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ है, तब भी कांग्रेस के इस पुरुष नेता ने ये घृणित कार्य किया.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘देश और दुनिया जानती है कि कांग्रेस आदिवासी विरोधी, गरीब विरोधी और महिला विरोधी है, लेकिन कांग्रेस का इस हद तक गिर जाना कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर आसीन एक आदिवासी और गरीब परिवार की महिला का इस प्रकार अनादर करना, उनकी गरीमा पर प्रहार करना. कांग्रेस ने सोनिया जी की अध्यक्षता में ये संस्कार और मूल्यविहीन एवं संविधान को चोट पहुंचाने वाला काम किया है. संसद में और सड़क पर कांग्रेस और उनके नेताओं को देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी और देश से माफी मांगनी चाहिए.’

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