नई दिल्ली! साइबर क्राइम ने पूरी दुनिया में एक उद्योग का रूप ले लिया है. गलत हाथों में संसाधनों और सूचनाओं के होने से इस तरह के अपराधों की आशंका बढ़ गई है. यह बात केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने दो दिन के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देशों के पुलिस प्रमुखों के सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कही. गृह मंत्री ने कहा, इंटरनेट पर कट्टरपंथी विचारों वाली सामग्री उपलब्ध होने से कानून व्यवस्था के कार्य में लगी एजेंसियों की जिम्मेदारी बढ़ गई है. कट्टरवादी विचारधारा ने न केवल समाज में घातक बदलाव किया है बल्कि मानवीय मूल्यों को भी बदला है.
आने वाले समय में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ऑनलाइन तरीकों से होने वाले अपराधों और आतंकवाद के विस्तार से निपटने की होगी. हमें इससे निपटने पर सोचना होगा और उसके लिए व्यापक रणनीति तैयार करनी होगी. इस दौरान साइबर सिक्युरिटी नेटवर्क को तोड़ने, डाटा की चोरी और अवैध लेन-देन, कंप्यूटर मालवेयर और अन्य ऑनलाइन अपराध बढ़ेंगे. गृह मंत्री ने कहा, साइबर हमले में काम आने वाले उपकरण और तौर-तरीके लगातार मौजूद हैं. किसी एक देश से वे कई देशों को प्रभावित कर रहे हैं और अपना वजूद कायम रखे हुए हैं. वे अपनी क्षमता बढ़ाते जा रहे हैं. इस तरह के अपराधों की संख्या हाल के वर्षों में लगातार बढ़ी है.
राजनाथ सिंह ने कहा, साइबर क्राइम दुनिया में एक उद्योग का दर्जा ले चुके हैं. इन्हें अंजाम देने वाले उपकरण और तकनीक खुले आम बेची जा रही है. सेवा देने का प्रस्ताव किया जा रहा है. सस्ती दर पर इस तरह की तकनीक और उपकरण उपलब्ध होने से उनके विस्तार और दुरुपयोग का खतरा बढ़ गया है. आर्थिक सेवाओं के डिजिटलाइजेशन से सुरक्षा उपायों के प्रति सतर्कता की बड़ी जिम्मेदारी खड़ी हो गई है. ऑनलाइन आर्थिक अपराधों को रोकने के लिए नियंत्रण और निगरानी प्रक्रिया को मजबूत किए जाने की जरूरत है. क्योंकि दोनों ही प्रक्रियाओं की कमजोरी घोटालेबाजों को कार्य करने के ज्यादा मौके उपलब्ध कराएगी. गृह मंत्री ने वर्चुअल करेंसी, एडवांस्ड मालवेयर, आर्टिफीशियल इंटेलीजेंस से जुड़े खतरों से भी पुलिस प्रमुखों को आगाह किया.