नयी दिल्ली! राज्यसभा चुनाव के लिये उत्तर प्रदेश से भाजपा के दो प्रत्याशियों ने आज नाम वापस ले लिया. इस तरह अब सूबे में संसद के उच्च सदन की 10 सीटों के चुनाव के लिये कुल 11 उम्मीदवार मैदान में रह गये हैं.
चुनाव अधिकारी पूनम सक्सेना ने यहां बताया कि राज्यसभा चुनाव के लिये नाम वापसी के अंतिम दिन भाजपा प्रत्याशियों विद्यासागर सोनकर और सलिल विश्नोई ने नाम वापस ले लिया. इस तरह अब 10 सीटों के लिये 11 प्रत्याशी मैदान में रह गये हैं.
उन्होंने बताया कि मतदान आगामी 23 मार्च को होगा. उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों के लिये अब भाजपा के नौ तथा सपा और बसपा के एक-एक उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. भाजपा उम्मीदवारों में केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ-साथ अशोक बाजपेयी, विजय पाल सिंह तोमर, सकलदीप राजभर, कांता कर्दम, अनिल जैन, हरनाथ सिंह यादव, जी.वी.एल. नरसिम्हा राव और अनिल अग्रवाल शामिल हैं.
वहीं, सपा ने जया बच्चन तथा बसपा ने भीमराव अम्बेडकर को प्रत्याशी बनाया है. राज्यसभा चुनाव में किसी एक उम्मीदवार को जिताने के लिये 37 प्रथम वरीयता वाले मतों की जरूरत होगी. प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा और उसके सहयोगियों के पास 324 विधायक हैं. उस लिहाज से भाजपा अपने आठ उम्मीदवारों को आसानी से राज्यसभा पहुंचा सकती है.
इसके बावजूद उसके पास 28 वोट बच जायेंगे. सपा के पास 47 विधायक हैं और वह एक उम्मीदवार को आसानी से चुनाव जिता सकती है. इसके बावजूद उसके पास 10 वोट बचे रह जाएंगे. बसपा के पास 19 सदस्य है, लिहाजा उसे अपना उम्मीदवार जिताने के लिये सपा के 10, कांग्रेस के सात और राष्ट्रीय लोकदल के एक उम्मीदवार का समर्थन चाहिये.
हालांकि जल्द ही अपना कार्यकाल पूरा कर रहे सपा के राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल के भाजपा में चले जाने के बाद उनके बेटे और हरदोई से सपा विधायक नितिन अग्रवाल के भाजपा के पक्ष में वोट डालने की प्रबल सम्भावना है. ऐसे में बसपा उम्मीदवार को जिताने की गणित बिगड़ सकती है.