लखनऊ। राज्यसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी की हार पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने इस चुनाव में नौंवा उम्मीदवार न सिर्फ जानबूझ कर उतारा बल्कि एक तरह से हमारे उम्मीदवार को हराने के लिए सभी हथकण्डे तक अपनाये हैं। मायावती ने कहा कि बसपा के प्रत्याशी को हरा कर बीजेपी सोच रही है कि उसने अपनी उपचुनाव में हुई हार का बदला ले लिया है तो वह गलत सोच रही है। उपचुनाव में हुई हार की वो कभी पूर्ति नहीं कर सकती। इस हार से हमारे गठबंधन पर रत्ती भर भी आंच नही आयेगी और हमारे गठबंधन के चलते 2019 के चुनाव में भाजपा एंड कंपनी की हालत पतली हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि हमारे उम्मीदवार को हराने के लिए भाजपा ने हर वो हथकंडा अपनाया जिसके चलते विधायकों को क्रास वोटिंग के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि भाजपा ने एक तरह से आतंक पैदा कर दिया था। वहीं दूसरी तरफ धन्नासेठों की पार्टी होने के चलते खरीद फरोख्त का हथकंडा भी अपनाया गया। लेकिन इतना सब दबाव आतंक को झेलने के बावजूद भी जो विधायक और सहयोगी हमारे समर्थन में जुटे रहे और वोट दिया उनका हम तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं।
वहीं भाजपा के पक्ष में बसपा के एक विधायक द्वारा भाजपा के पक्ष में वोट करने और अंतर्रात्मा की आवाज पर वोट देने की बात पर उन्होनें कहा कि वह महज व्यावसायिक आत्मा की आवाज थी जिसके चलते उनको पार्टी के बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। वहीं भाजपा खेमें के एक विधायक कैलाश नाथ सोनकर द्वारा बसपा के उम्मीदवार के पक्ष में वोट देने को उन्होंने असल अंतर्रात्मा की आवाज बताते हुए आभार व्यक्त किया।
मायावती ने कहा कि बसपा के प्रत्याशी को हरा कर बीजेपी सोच रही है कि उसने अपनी उपचुनाव में हुई हार का बदला ले लिया है तो वह गलत सोच रही है। उपचुनाव में हुई हार की वो कभी पूर्ति नहीं कर सकती। यह बीजेपी भी जानती है और हम सब भी जानते है। मायावती ने कहा कि उपचुनाव में सपा की धमाकेदादार जीत के बारे में सबको पता है। इसकी गूंज पूरे भारत में गूंजी है। इस जीत का प्रभाव भी सकारात्मक रहा है।
वहीं मायावती ने कहा कि बीजेपी अगर ये सोच रही है कि राज्यसभा का चुनाव हराकर वो सपा-बसपा की बढ़ी नजदीकियों को कम कर देगी तो यह नहीं हो सकता। राज्यसभा में आए नतीजों से सपा-बसपा के संबंधों पर कोई असर नहीं होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस हार के लिए अखिलेश को जिम्मेदार ठहराना गलत है।
साथ ही भाजपा की मंशा को समझते हुए कहा कि अखिलेश ने अपना पूरा प्रयास किया लेकिन अभी अपरिपक्व होने के चलते वो खुद ही धोखा खा गये इसलिए इस हार से हमारे गठबंधन पर रत्ती भर भी आंच नही आयेगी और हमारे गठबंधन के चलते 2019 के चुनाव में भाजपा एंड कंपनी की हालत पतली हो जाएगी।
वहीं उन्होंने भाजपा द्वारा स्टेट गेस्ट हाउस काण्ड का बार बार हवाला देकर गठबंधन में दरार डालने की कोशिशों पर उन्होंने कहा कि उसमें अखिलेश की कोई भूमिका ही नही थी जबकि बड़ी-बड़ी बाते करने वाली भाजपा ये बताये कि उस काण्ड का जो मुख्य सूत्रधार अफसर था उसको आज भला उत्तर प्रदेश पुलिस का मुखिया बना कर वह क्या साबित कर रही है।
मायावती ने कहा कि सपा-बसपा ने राज्यसभा चुनाव जीतने के लिए कड़ी मेहनत की थी। उन्होंने कहा कि अखिलेश को राजनीति का तुजर्बा अभी कम है, लेकिन वो धीरे-धीरे सीख जाएंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अगर अखिलेश की जगह मैं होती तो पहले दूसरा प्रत्याशी जिताती बाद में अपना। साथ ही इस दौरान मायावती ने समर्थन के लिए सपा-कांग्रेस का धन्यवाद किया और कहा कि अब नई रणनीति के तहत बसपा काम करेगी।